बीते वीकेंड में हुई मॉनसून की जोरदार बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा से लेकर दिल्ली तक बाढ़ का कहर देखा जा रहा है। पंजाब में ब्यास और सतलुज नदियां उफान पर हैं, जिसके चलते कई जिलों में हालात बिगड़े हुए हैं।
इसके अलावा हिमाचल में तो कुल्लू, मनाली, सोलन जैसे जिलों में बारिश ने बड़े पैमाने पर नुकसान किया है और 40 हजार लोगों को बड़ी मशक्कत के बाद निकाला जा सका है, जो घूमने आए थे। वहीं दिल्ली में यमुना की बाढ़ ने 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सिविल लाइंस, कश्मीरी गेट और आईटीओ जैसे इलाकों में पानी भर गया है। सीएम अरविंद केजरीवाल का आवास भी सिविल लाइंस पर ही है।
मौसम विभाग का अनुमान है कि हिमाचल और उत्तराखंड में अगले 24 घंटों के दौरान 120 मिलीमीटर बारिश हो सकती है। इससे ब्यास और यमुना जैसी नदियों में जल का स्तर बढ़ सकता है। ऐसा हुआ तो फिर यह मुसीबत बढ़ाने वाली बात होगी। हालांकि राहत की बात है कि दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में ज्यादा बारिश का अनुमान नहीं है। लेकिन पूर्वी यूपी और रुहेलखंड के जिलों में आज तेज बारिश हो सकती है। इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बरेली और पीलीभीत में भारी बारिश होने का अनुमान है।
दिल्ली में यमुना का पानी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रहा है। इस बीच मौसम विभाग के अनुमान से टेंशन थोड़ी और बढ़ गई है। मौसम विभाग का कहना है कि गुरुवार को एक बार फिर से दिल्ली, पश्चिम यूपी, हरियाणा, राजस्थान में बारिश हो सकती है। हालांकि यह बारिश बहुत ज्यादा नहीं होगी। मौसम विभाग का अनुमाम है कि बिहार, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश होगी। इसके अलावा उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के भी अलग-अलग इलाकों में अच्छी खासी बारिश हो सकती है।