“सोशल स्ट्रक्चर एंड इकनोमिक डेवलपमेंट” का किया गया विमोचन
लखनऊ। भारतीय अर्थव्यवस्था के उत्थान के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वैश्विक वित्तीय संरचना में तीव्र परिवर्तन हो। वित्तीय स्वरुप में परिवर्तन से सभी आवश्यक संघटक यथा कृषि लघु व कुटीर उद्द्योग , सेवा क्षेत्र आदि सही रूप में लाभान्वित हो सकते है, जिससे उत्तर प्रदेश जैसी तेजी से उभर रहे राज्य की अर्थव्यस्था को भी एक बड़ा सम्बल मिल सकेगा।
यह बात आज तृतीय प्रो बलजीत सिंह मेमोरियल व्याख्यान देते हुए गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो भगवती प्रकाश शर्मा ने कही। उन्होंने ने बताया कि आज विश्व अर्थव्यवस्था का स्वरुप ऐसा है कि वह उपभोक्ता तथा विकासशील देश के अनुकूल नहीं है। यह कुछ हज़ार बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हित में ही मुख्यतः आधारित है। भारतीय अर्थव्यवस्था तथा उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के विकास के लिए यह आवश्यक है कि यहां पर विनिर्माण की पूरी प्रक्रिया सम्पादित की जाए ना कि केवल असेम्बल का काम किया जाए। इसके अतिरिक्त उन्होंने विकासशील देशो के व्यापर एवं अर्थव्यवस्था के विकास में अंतराष्ट्रीय संस्थाओं के योगदान को भी संदर्भित किया।
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इस कार्यक्रम का आयोजन अर्थशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो एमके अग्रवाल ने बताया कि वैश्विक परिदृश्य बदलने तथा वैश्विक वित्तीय स्वरुप के परिवर्तन से उत्तर प्रदेश सरीखे राज्य अपने यहाँ भारी मात्रा में विदेशी निवेश को आकर्षित कर रहे हैं।
इस अवसर पर प्रो एके सिंह, पूर्व निदेशक, गिरी विकास संसथान, लखनऊ की पुस्तक “सोशल स्ट्रक्चर एंड इकनोमिक डेवलपमेंट“ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर प्रो बलजीत सिंह के विद्यार्थी प्रो आईडी गुप्ता, प्रो यशवीर त्यागी, प्रो एके सिंह आदि उपस्थित थे। इसके अतिरिकर अर्थशास्त्र विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो अरविन्द अवस्थी, प्रो विनोद सिंह, प्रो रोली मिश्रा, प्रो एके कैथल एवं अन्य शिक्षक गण, शोधार्थी व अन्य छात्र छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ उर्वशी सिरोही द्वारा किया गया।