लखनऊ। शोधार्थी जोसुआ सिल्वर शिकागो विश्वविद्यालय से जिनका शोध कार्य राधाकमल मुखर्जी पर है, ने लखनऊ विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान अपने अध्ययन को विचारों के रूप में व्यक्त किया। जिसका शुभारंभ विभागाध्यक्ष प्रो डीआर साहू ने किया। इसके बाद प्रो एसके चौधरी ने जोसुआ सिल्वर के कार्यों का परिचय कराया। जोसुआ द्वारा अपने शोध कार्य का निष्कर्ष बताया। और अंत में डॉ एसके ढल द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया और कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम में जोसुआ सिल्वर शिकागो विश्वविद्यालय से राधाकमल मुखर्जी के परिस्थितिकीय विचारों पर लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में व्याख्यान प्रस्तुत किया। इन्होंने राधकमल मुखर्जी द्वारा प्रतिपादित कई सारे अवधारणाओं की सामाजिक व्यवहारिकता को बताया साथ ही उनके विचारों का अस्तित्व कैसे खोता जा रहा है। जोसुआ सिल्वर ने राधाकमल मुखर्जी के कार्यों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। उन्होंने मुखर्जी के जीवन परिचय, शैक्षणिक यात्रा, ब्रिटिश काल में क्रांतिकारी विचार आदि को बताया।
मुखर्जी की रचना फाउंडेशन टू इंडियन इकोनॉमिक्स (1916), रीजनल सोशियोलॉजी आदि रही हैं। बहु-विषयक दृष्टिकोण का प्रयोग कर पर्यावरण और मानव के संबंधों का अध्ययन किया। उनके समकालीन राबर्ट पार्क, ममफोर्ड, स्पेंसर जैसे विचारों से भिन्न पर्यावरण परिस्थितिकीय को प्रस्तुत किया जोकि क्षेत्रीयता पर आधारित है। पैट्रिक गिड्स ने मुखर्जी के विचारों को अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान किया। लेकिन दुर्भाग्यवश कालांतर में उनको संदर्भित नहीं किया गया परिणामस्वरूप उनकी महत्ता में कमी आयी है।