बरेली में लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को नगर निगम का बुलडोजर गरजा। पुराने बस अड्डे पर पहुंचकर टीम ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। अवैध कब्जेदारों का सामान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर लाद ले गई। नावल्टी चौराहे तक दुकानों के बाहर अतिक्रमण कर बनाए गए रैंप, काउंटर और होर्डिंग आदि को तोड़ दिया गया। दोबारा कब्जा करने पर कुर्की की चेतावनी भी दी गई।
सपा का 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल कल करेगा दाैरा, कांग्रेस नेता 2 दिसंबर को पहुंचेंगे
अमर उजाला ने लगातार एक सप्ताह तक खबरें प्रकाशित कर लगातार इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद जिम्मेदारों की नींद टूटी और निगम का अमला दल-बल के साथ सुबह 11 बजे सड़कों पर उतरा। खास बात यह रही कि इस कार्रवाई की भनक निगम के इस एक्शन की भनक नीचले अफसरों से लेकर उच्चाधिकारियों में किसी के पास नहीं थीं।
प्रतिदिन चलेगा अभियान
नोडल अधिकारी संयुक्त नगर आयुक्त समेत अतिक्रमण प्रभारी कर अधिक्षक राजवीर सिंह भी नगर आयुक्त के इस एक्शन से अंजान रहे। नगर आयुक्त के निर्देश पर अब प्रतिदिन अभियान चलेगा। इसको लेकर कोई रोस्टर जारी नहीं हुआ है, जिससे किसी को भी पहले से जानकारी हो। वहीं पुलिस के आलाधिकारियों से बातचीत कर संबंधित थाने और चौकी की जिम्मेदारी भी तय होगी।
Please watch this video also
अब निगम की ओर से चौराहों पर अतिक्रमण के खिलाफ अनाउंसमेंट भी शुरू हो गया है। इसमें वह अब कैमरे की नजर से कार्रवाई करेगी। वहीं देखा जाएगा किस रोड पर कितना अतिक्रमण है, वहां बिना रोस्टर और पूर्व सूचना के निगम की टीम पहुंचेगी। इसके अलावा टीम में शामिल लोगों को भी इसकी जानकारी नहीं होगी कि उन्हें जाना कहां हैं?
यहां जाने से कतरा रहा है निगम
निगम के लिए अतिक्रमण में सबसे बड़ी चुनौती वार्ड एक के मुन्ना कबाड़ी द्वारा कब्जा किया सरकारी शौचालय है। इसको लेकर महापौर उमेश गौतम, नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य से लेकर तमाम अधिकारियों ने निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं एफआईआर के भी आदेश अफसरों को दिए गए, लेकिन निगम की टीम व मौजूदा पार्षद पर हमला करने वाले मुन्ना कबाड़ी की ओर जाने की अफसर और अतिक्रमण दल हिम्मत नहीं जुटा रहा है।