अयोध्या। डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो प्रतिभा गोयल (Prof Pratibha Goyal) के कुशल निर्देशन में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) योजनान्तर्गत जैव रसायन विज्ञान विभाग में जेनेटिक इंजीनियरिंग (Genetic Engineering) विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
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कार्यशाला का उद्घाटन माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पूर्व आचार्य प्रो राजीव गौड़, प्रो अनूप कुमार, प्रौढ, सतत शिक्षा विभाग, प्रो फर्रूख जमाल, प्रो नीलम पाठक, डॉ संग्राम सिंह, डॉ नीलम यादव, डॉ शिवि श्रीवास्तव, डॉ मणिकांत त्रिपाठी, डॉ पंकज सिंह, डॉ प्रदीप कुमार सिंह सहित अन्य द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित करके किया गया।
इस कार्यशाला के प्रथम दिन मुख्य अतिथि प्रो राजीव गौड़ ने जेनेटिक इंजीनियरिंग द्वारा सूक्ष्म जीवों को कैसे मानव जीवन के उत्थान के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जेनेटिक इंजीनियरिंग का क्षेत्र बढ़ गया है। इसमें विद्यार्थी प्रशिक्षित होकर सुनहरा भविष्य बना सकते है।
कार्यशाला में बायोकमेस्ट्री विभाग की प्रो नीलम पाठक ने विद्यार्थियों को रिकंबाइनेंट डीएनए टेक्नोलॉजी में प्रयोग होने वाले टूल्स एवं तकनीक प्रशिक्षित किया। कार्यशाला के संयोजक एवं जैव रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो फर्रुख जमाल ने बताया कि इस पांच दिवसीय कार्यशाला के प्रतिभागियों को जेनेटिक इंजीनियरिंग के विभिन्न आयामों से प्रशिक्षित किया जायेगा।
उन्होंने विद्यार्थियों को जेनेटिक इंजीनियरिंग के एप्लिकेशंस के बारे में बताते हुए कहा कि इस टेक्नीक से बहुत सारी समस्याएं जो बायोलॉजिकल सिस्टम से जुड़ी है उनका समाधान निकाला जा सकता है। कार्यशाला का संचालन डॉ मणिकांत त्रिपाठी ने किया। इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं और शोधार्थी मौजूद रहे।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह