लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) के प्रबंधन विभाग में टेनिंग एंड प्लेसमेंट की ओर से एमबीए और फॉर्मेसी छात्रों के लिए आयोजित चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के तीसरे दिन छात्रों को कम्युनिकेशन स्किल के बारे में बताया गया। कुलपति प्रो जेपी पांडेय (Vice Chancellor Prof. JP Pandey) के निर्देशन में आयाजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में शुक्रवार को कम्युनिकेशन एक्सपर्ट छवि मिश्रा ने छात्रों को साक्षात्कार के दौरान कम्युनिकेशन की अहमियत और भूमिका को समझाया। बताया कि साक्षात्कार के दौरान पैनलिस्ट अभ्यर्थी के पूरे व्यक्तित्व का परीक्षण करते हैं।
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शरीर के हाव-भाव, आई कॉन्टैक्ट पर गौर किया जाता है। विषय पर पकड़ के साथ ही बोलने के लहजे और स्वर की तीव्रता पर विशेष ध्यान देते हैं। साथ ही पहनावा भी प्रभावित करता है। बताया कि अच्छा कम्युनिकेशन के लिए नियमित अभ्यास के साथ ही साहित्य का पढ़ना भी जरूरी है। जिससे नये-नये शब्द मिलते हैं। साथ ही बातचीत में जीवंतता भी होना चाहिए। जो बातें आप कह रहे हैं उसे आपकी बॉडी भी सपोर्ट करे। इस दौरान उन्होंने छात्रों से बात की। साथ ही उन्हें रोल प्ले कराया और चित्र भी बनवाया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में करीब 75 छात्र शामिल हो रहे हैं।
एकेटीयू में शिकायत निवारण समिति का हुआ गठन, प्रो वंदना सहगल को बनाया गया है समिति का अध्यक्ष
विश्वविद्यालय के छात्रों को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। छात्रों की तमाम समस्याओं का जल्द निराकरण होगा। इसके लिए शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया है। समिति के अध्यक्ष के रूप में प्रो वंदना सहगल (Prof. Vandana Sehgal) को नामित किया गया है। कुलपति प्रो जेपी पांडेय ने शिकायतों के निवारण को ध्यान में रखते हुए इस समिति का गठन किया है।
उनके निर्देश पर यूजीसी परिनियमावली के तहत विश्वविद्यालय के कुलसचिव जीपी सिंह ने शिकायत निवारण समिति के गठन का आदेश जारी किया है। समिति में अध्यक्ष के अलावा सदस्य भी नामित किये गये हैं। इसमें डीएसडब्ल्यू प्रो ओपी सिंह को सदस्य सचिव, केएनआईटी सुल्तानपुर के प्रो एएस पांडेय को सदस्य, बीआईईटी झांसी के प्रो दीपक नागरिया, आईइटी लखनउ के प्रो धनन्जय सिंह को सदस्या बनाया गया है।
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वहीं समिति में छात्रों की भी भागदारी देने के लिए आर्किटेक्चर कॉलेज के छात्र विष्णु केसरी को विशेष आमंत्रित के रूप में शामिल किया गया है। समिति के अध्यक्ष और सदस्य का कार्यकाल दो वर्षों का होगा जबकि आमंत्रित सदस्य का कार्यकाल एक वर्ष होगा। आपको बता दें कि विश्वविद्यालय से पूरे प्रदेश में साढ़े सात सौ से ज्यादा कॉलेज संबद्ध हैं। कुलपति प्रो जेपी पांडेय छात्रहित को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रहे हैं।