भारत दुनिया में सबसे ज्यादा इंटरनेट यूज किया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है और इसीलिए यहां यूजर्स की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है. अगर आप भी सफर के दौरान गूगल मैप का यूज करते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. गूगल मैप्स में 10 भारतीय भाषाओं में ऑटोमेटिक ट्रांसलिट्रेशन सिस्टम शुरू कर दिया गया है मतबल आप अब अपनी भाषा में एड्रेस सर्च कर सकेंगे. इससे पहले गूगल के इस ऐप में अंग्रेजी भाषा थी, जिससे कई यूजर्स को एड्रेस सर्च करने में परेशानी होती थी.
इन 10 भाषाओं में कर सकेंगे सर्च
Google ने एक ब्लॉग के जरिए बताया कि उसने अपने मैप में 10 नई भारतीय भाषाओं में ट्रांसलिट्रेशन सिस्टम शुरू किया है, इनमें हिन्दी, गुजराती, कन्नड़, बांग्ला, मराठी, मलयालम, पंजाबी, उड़िया, तमिल और तेलुगु भाषाएं शामिल हैं. गूगल का कहना है कि इससे उन लोगों को काफी मदद मिलेगी जो इंग्लिश ज्यादा नहीं जानते हैं.
क्या होता है ट्रांसलिट्रेशन
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि ट्रांसलिट्रेशन और ट्रांसलेशन में फर्क है. ट्रांसलेशन में एक भाषा के शब्द को दूसरी भाषा में बदला जाता है, लेकिन ट्रांसलिट्रेशन में शब्द की लिपि बदली जाती है. जैसे अंग्रेज़ी में ‘Green Park’ शब्द का हिन्दी में अनुवाद होगा ‘हरा बाग’ लेकिन शब्द का ट्रांसलिट्रेशन ‘ग्रीन पार्क’ होगा.
इंग्लिश नाम को सर्च करने में होगी आसानी
गूगल का कहना है कि भारत में कई जगहों के नाम अंग्रेजी के शब्द पर हैं, लेकिन इन्हें लोकल स्क्रिप्ट में ही लिखा जाता है. ऐक्रनिम शब्द बड़े नाम को छोटा कर के लिखे जाते हैं. जैसे सेंट्रल बॉर्ड ऑफ एजुकेशन को शॉर्ट में CBSE (सीबीएसई) कहा जाता है. यहां गूगल ने एक उदाहरण देकर समझाया, “ऐक्रनिम NIT को हिन्दी में एनआईटी लिखा जाता है, क्योंकि इसे अंग्रेजी की तरह ‘निट’ न पढ़कर ‘एन आई टी’ पढ़ा जाता है. इसलिए ये जानकारी जुटाकर कि NIT शब्द एक सामान्य रूप में चलने वाला ऐक्रनिम है, गूगल मैप्स इस शब्द का सही से ट्रांसलिट्रेशन कर सकेगा.”