गाजीपुर बॉर्डर पर लोकदल के लोकतंत्र बचाओ देश बचाओ के कार्यक्रम में चौधरी सुनील सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि किसान मोदी पर विश्वास नहीं करते हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के नाम संबोधन में ये कह दिया कि वह तीनों कृषि कानूनों को वापस ले रहे हैं। एक वर्ष से किसान आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारी अपने घरों को वापस क्यों नहीं गए हैं? क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों को विश्वास ही नहीं है।यह वहीँ प्रधानमंत्री हैं जो कहते थे कि यह मेरा बड़प्पन है कि मैं ऐसे ही बिल लेकर आया हूं। आज वही कह रहे हैं कि यह मेरा बड़प्पन है कि हम इन कृषि कानूनों में वापस ले रहे हैं। ऐसे कन्फ्यूजन में कौन उन पर विश्वास कर सकता है। संसद में इन मुद्दों पर चर्चा की जाए। क्योंकि किसानों के मुद्दे थे, जिनमें से एक एमएसपी भी है।
सरकार किसानों की हितैषी बनने का ढोंग कर रही है, यह ढोंग जनता कुछ समझ में आ गया है। भाजपा के झूठे वादों से प्रदेश की जनता तंग आ चुकी है। सत्ता में आने के बाद भाजपा नेताओं ने जनता की उम्मीदें तोड़ दी और चुनाव में किए वादों को 5 वर्ष होने पर भी पूरा नहीं किया। आगामी विधानसभा 2022 के चुनाव में जनता जवाब देने के लिए बैठी हुई है। सिंह ने आगे कहा की जब तक सरकार एमएसपी पर पूर्ण गारंटी नहीं देती तब तक किसान हटने वाला नहीं सरकार को किसान आंदोलन की कारपोरेटपरस्त नीतियों को बदलने, सी 2 प्लस के आधार पर एमएसपी पर कानून बनाने, विद्युत संशोधन अधिनियम 2021 की वापसी, पराली जलाने सम्बंधी कानून को रद्द करने, लखीमपुर नरसंहार के दोषी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी और आंदोलन के दौरान लगाए सभी मुकदमों की वापसी जैसी मांगों पर किसानों के साथ वार्ता कर किसानों का हितैषी बनना चाहिए।
सरकार गारंटी देने के लिए तैयार नहीं है। सरकार का रवैया संसद में चर्चा ना करके यह भी उनके चरितार्थ को दिखा रहा है कि उन पर किसान विश्वास कैसे करें।