- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, August 03, 2022
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बहुत प्रतीक्षा के बाद गन्ने की फसल के लिए एफआरपी में मात्र 15 रूपये की बढोत्तरी करके गन्ना किसानों को लाॅलीपाप थमाने की कोशिश की है।
एफआरपी के अनुसार अब गन्ना मूल्य तीन सौ पांच रूपये प्रति कुन्तल हो जायेगा जिससे कोई भी मिल मालिक इससे कम पर गन्ना खरीद नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यह बढोत्तरी केवल ऊँट के मुंह में जीरा है क्योंकि खाद डी0ए0पी0 का मूल्य 1200 रूपये से बढकर 1900 हो गया और डीजल 100 रूपये लीटर तथा बिजली मूल्य भी आसमान छू रहा है।
श्री राय ने कहा कि प्रारम्भ से ही यह प्रदेश और केन्द्र की सरकारे किसान विरोधी रही हैं और इनके शासन काल में चाहे धान किसान हो, या आलू किसान और गन्ना किसान हो, सभी त्रस्त हैं। यहां तक कि एक वर्ष तक केन्द्र की राजधानी के चारों तरफ हजारों किसान धरना देते रहे एवं जाड़ा गर्मी बरसात के तीनों मौसम की मार भी झेली तथा लगभग 750 किसानों की अकाल मृत्यु भी हुयी परन्तु केन्द्र सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने सड़क से लेकर संसद तक कहीं भी किसानों को दो शब्दों की श्रद्धांजलि भी न दी।
आखिर वो सरकार कैसे किसानों की हितैषी हो सकती है जो किसानों की फसलों का सही मूल्य निर्धारण भी न कर सके। विगत सत्र का आज भी गन्ना किसानों का लगभग 6000 करोड रूपया बकाया है परन्तु केन्द्र और प्रदेश सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंगती है। राष्ट्रीय लोकदल एव अन्य विपक्षी पार्टियों द्वारा दिये गये ज्ञापनों का भी किसी प्रकार का संज्ञान न लेना इन सरकारों के किसान विरोधी होने का समुचित प्रमाण है।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र सरकार अपने 2014 के चुनाव के समय से लगातार किसानों को फसलों की लागत का दोगुना मूल्य देने का वादा करती रही है वह कब पूरा करेगी? आखिर प्रदेश और देश का किसान आपके भुलावे और छलावे में कब तक रहेगा? यही कारण है कि अब प्रदेश का किसान आक्रोषित है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह किसानों के साथ खड़े है और लगातार संसद में किसान मजदूरों की आवाज उठा रहे हैं किन्तु सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है।