सरकार ने गुरुवार को सोशल मीडिया के लिए नए दिशानिर्देश और ओटीटी, सोशल मीडिया व डिजिटल मीडिया के लिए नए कोड ऑफ इथिक्स जारी किए हैं। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।
नए नियमों के मुताबिक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। हर महीने हुई शिकायत पर कार्रवाई की जानकारी देनी होगी। आपत्तिजनक पोस्ट 24 घंटे में हटानी होगी। सबसे पहले पोस्ट डालने वाले की जानकारी देनी होगी। तीन स्तर पर निगरानी का तंत्र विकसित होगा। सोशल मीडिया को लेकर 3 महीने में नियम लागू होंगे।
सोशल मीडिया को 2 श्रेणियों में बांटा गया है, एक इंटरमीडरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी। सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी पर अतिरिक्त कर्तव्य है, हम जल्दी इसके लिए यूजर संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेंगे। एक शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा और शिकायतों का निपटारा करने वाले ऑफिसर का नाम भी रखना होगा। ये अधिकारी 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण करेगा और 15 दिनों में उसका निपटारा करेगा।
यूजर्स की गरिमा को लेकर अगर कोई शिकायत की जाती है, खासकर महिलाओं की गरिमा को लेकर तो आपको शिकायत करने के 24 घंटे के अंदर उस कंटेट को हटाना होगा। कोर्ट के आदेश और सरकार द्वारा पूछा जाने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को शरारती कंटेट का ओरिजनेटर बताना होगा। सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया के कानून को हम तीन महीने में लागू करेंगे। डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को झूठ और अफवाह फैलाने का कोई हक नहीं है। डिजिटल न्यूज मीडिया को भी डिटेल्स देना होगी। हम रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं कर रहे हैं, जानकारी चाहते हैं।
रविशंकर प्रसाद ने लाल किले की हिंसा का जिक्र करते हुए कहा, ‘सभी सोशल मीडिया का स्वागत है लेकिन बड़े आदर से कहूंगा कि डबल स्टैंडर्ड्स नहीं होने चाहिए। अगर कैपिटल हिल में कांग्रेस पर हमला होता है तो सोशल मीडिया पुलिस कार्यवाही का समर्थन करता है लेकिन लाल किले पर आक्रामक हमला होता है तो आप डबल स्टैंडर्ड दिखाते हैं, ये किसी लिहाज से स्वीकार्य नहीं है।’