कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते विदेश में फंसे हुए हुए नॉन रेजिडेंट इंडियन (NRI) को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने डबल टैक्सेशन से राहत देने की बात कही है. सीबीडीटी की ओर से बुधवार रात जारी सर्कुलर में कहा गया है कि घरेलू कानून और कर संधियों के कारण 2020-21 में NRI की आय पर दोहरे टैक्सेसन की संभावना नहीं है. हालांकि, फिर भी ऐसे लोंगो से जानकारी प्राप्त की जाएगी. CBDT ने उन लोगों को मौका दिया है जो वित्त वर्ष 2020 में भारत आए थे और कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के चलते वो वापस नहीं जा पाए थे. CBDT ने उन्हें अपनी स्थिति को मार्च के आखिर तक स्पष्ट करने के लिए कहा है.
सीबीडीटी की ओर से कहा गया कि डबल टैक्सेशन की संभावित स्थितियों को समझने के बाद बोर्ड इस बात की जांच करेगा कि क्या वाकई इस मामले में छूट देने की आवश्यकता है या नहीं. यदि आवश्यक हुआ तो उसपर विचार किया जाएगा.
क्या है डबल टैक्सेशन मामला
अगर कोई आदमी किसी दूसरे देश में कमाई करता है, तो उस पर अपने देश और परदेस दोनों में टैक्स की देनदारी बनती है. इससे बचने के लिए इंडिया ने कई देशों के साथ डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस एग्रीमेंट (DTAA) किया हुआ है. इस एग्रीमेंट के हिसाब से इनकम विदेश में हुई इनकम पर किसी एक देश में ही टैक्स लगेगा. इस बेनेफिट को क्लेम करने के लिए इंडिविजुअल को पता होना चाहिए कि वह जहां रहकर कमाई कर रहा है उसके साथ इंडिया का DTAA है या नहीं? उसको फॉर्म 10एफ, टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट और TDS काटने के लिए जिम्मेदार एंटिटी के पास तय फॉर्मैट में सेल्फ डिक्लेरेशन देना होता है.
NRI पर किस तरह लगता है टैक्स?
वर्तमान नियम के मुताबिक अगर कोई नॉन रेसिडेंट इंडियन भारत में 182 या उससे ज्यादा दिनों के लिए रहता है तो उसे अपनी ग्लोबल इनकम पर भारत में टैक्स चुकाना होगा. फाइनेंस बिल 2020 में नॉन रेसिडेंट इंडियन पर टैक्स को लेकर नियम में बदलाव किया गया था. अब 182 दिनों की अनिवार्यता को घटाकर 120 दिन कर दिया गया है. बजट 2020 की घोषणा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में अगर कोई नॉन रेसिडेंट इंडियन (Visiting NRI) 120 दिनों से ज्यादा रहता है और उसकी इंडियन टैक्सेबल इनकम 15 लाख तक है तो उसे कोई टैक्स नहीं भरना होगा.181 दिनों तक के स्टे पर भी उसका स्टेटस NRI बना रहेगा. अगर उसकी कमाई (Indian Income) 15 लाख से ज्यादा होगी तो 120 दिन भारत में रहने पर उसका स्टेटस इंडियन रेसिडेंट हो जाएगा और उससे टैक्स वसूली होगी.
क्या है परेशानी?
25 मार्च 2020 को जब लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, तब सरकार ने एनआरआई को राहत दी थी. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए NRI स्टेटस की काउंटिंग के लिए 22-31 मार्च की समय अवधि को ध्यान में नहीं रखने का फैसला किया गया था. इन नॉन रेसिडेंट इंडियन को उम्मीद है कि सरकार वित्त वर्ष 2020-21 में भी ऐसी राहत का फैसला करेगी.