बछरावां/रायबरेली। सरकार द्वारा गौशालाये तो बनवा दी गई और उन में क्षमता से अधिक जानवर भी भरवा दिए गए, परंतु उनके भोजन के नाम पर मात्र 30 रुपए स्वीकृत करना यह निरीह जानवरों के साथ खिलवाड़ है। ऊपर से एक और शाही फरमान जारी किया गया है कि जिस ग्राम सभा में आवारा जानवर घूमते मिलेंगे वहां के लेखपाल सचिव तथा प्रधान को दंडित किया जाएगा। यह एक क्रूर मजाक के अलावा और कुछ नहीं है यह विचार है राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार तिवारी कही जो उन्होंने शेखपुर समोधा गौशाला निरीक्षण करने गए पत्रकारों के समक्ष व्यक्त किये।
उन्होंने कहा शेखपुर समोधा की गौशाला में क्षमता से अधिक जानवर बंद किए गए हैं, मौजूदा प्रधान द्वारा इनकी भरसक देखभाल की जा रही है और तो और चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार शर्मा प्रतिदिन इन जानवरों का निरीक्षण भी करते हैं, परंतु अभी भारत के अंदर कोई दवा ऐसी नहीं बनी है जो इन जानवरों को दे दी जाए और इन्हें भूख ना लगे।
मौजूदा समय में जो पैसा सरकार के द्वारा दिया जा रहा है उसमें मात्र 3 किलो भूसा ही खरीदा जा सकता है, हरा चारा व चुनी चोकर की तो बात ही दूर है,। ग्राम प्रधान गया प्रसाद ने बताया वह भरपूर इन जानवरों की सेवा करते हैं पर्याप्त मात्रा में इनकी देखभाल के लिए आदमियों की नियुक्ति की गई है, बीते 3 माह के अंदर उन्हें एक भी पैसा अभी सरकार द्वारा नहीं प्राप्त हुआ है।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा