लखनऊ। सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार संस्कृत को आधुनिकरण से जोड़ेगी। उन्होंने राजधानी लखनऊ स्थित विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में राजकीय संस्कृत परिषद के मेधावी छात्रों को सम्मानित करते हुए ये बात कही। सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान शिक्षा व्यवस्था की बदहाली पर बात करते हुए और शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने की अपनी प्रतिबध्यता के बारे में बताया।सीएम योगी ने कहा कि पहले परीक्षा में दो महीने व रिजल्ट में एक महीने लगते थे। जिससे रिजल्ट में देरी से तमाम बच्चे प्रवेश से वंचित हो जाते थे। हमने नकलविहीन परीक्षा तो कराई और शिक्षकों की कमी भी नहीं होने दी।
संस्कृत का हो आधुनीकरण
संस्कृत के आधुनीकरण को लेकर सीएम योगी ने कहा कि भारत दुनियां का एक प्राचीन राष्ट्र है। यह हमारे पुराणों में है। भारत का स्वाभिमान जाग्रत ना हो सके इसीलिए इस विषय की उपेक्षा होती रही है। हम अपनी परंपरा को लेकर चलें अच्छी बात है।।भारत की परंपरा कभी जड़वादी नहीं रही है। जहां कहीं भी प्रगति के स्वर दिखे हमने उनको अंगीकार किया है।
प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले
इस दौरान प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले 10 विद्यार्थियों को सम्मान स्वरूप एक-एक लाख रुपये, टैबलेट, मेडल व प्रशस्ति पत्र और शेष मेधावी विद्यार्थियों को 21-21 हजार रुपये, टैबलेट, मेडल व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। सीएम ने सभागार को संभोधित करते हुए कहा कि पहले नकल के ठेके होते थे। प्रतिभा के साथ खिलवाड़ होता था।