सरकार ने ESIC हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के तहत प्रसूति (मैटरनिटी) खर्च बढ़ाकर 7500 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। अभी यह राशि 5,000 रुपए है। ईएसआईसी की स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीमित महिला कर्मचारी या बीमित पुरुष कर्मचारी की पत्नी के लिए प्रसूति खर्च दिया जाता है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस संबंध में सोमवार को एक मसौदा अधिसूचना जारी की है।
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, सरकर ने इस पर हितधारकों से 30 दिन के भीतर अपने सुझाव देने को कहा है। उसके बाद सरकार इस पर अंतिम निर्णय करेगी। ESI स्कीम को इंप्लॉइज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन चलाती है।
क्या कहता है नियम
सरकार ने इंप्लॉइज स्टेट इंश्योरेंस (सेंट्रल) रूल्स, 1950 के नियम 56ए के तहत सरकार ने 5,000 रुपए की मातृत्व सहायता को बढ़ाकर 7,500 रुपए करने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रसूति खर्च उन क्षेत्रों में महिलाओं को दिया जाता है जहां ईएसआईसी के तहत आने वाले अनिवार्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। यह मातृत्व सहायता केवल दो बच्चों के लिए उपलब्ध करायी जाती है।
आपको बता दें कि कोविड-19 के मुश्किल समय में राहत देने के लिए ईएसआई लाभार्थियों के हित में ईएसआईसी के कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ESIC लाभार्थियों को आवश्यकता पड़ने पर ICMR द्वारा स्कीकृत टाई-अप निजी लैब में कोविड-19 का टेस्ट करवाने की अनुमति दी है।
वहीं, ईएसआईसी अस्पताल के कोविड-19 से संबंधित इलाज के लिए समर्पित होने की स्थिति में टाई-अप निजी अस्पताल द्वारा चिकित्सा सेवा प्राप्त करने का वैकल्पिक प्रावधान किया है।
इसके अलावा ईएसआई लाभार्थी को उनकी स्थिति के अनुसार बिना किसी रेफरल लेटर के भी इन अस्पतालों में चिकित्सा सेवा जैसे निर्धारित द्वितीयक/एसएसटी कंसल्टेशन/भर्ती/आपातकालीन/गैर-आपातकालीन चिकित्सीय इलाज प्राप्त कर सकते हैं।