अब आयकर विभाग के अधिकारी किसी के यहां सर्वे बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति से नहीं कर सकेंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसके लिए नया आदेश जारी किया है।
आदेश की माने तो, इसके लिए आयकर विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अब प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर या फिर चीफ कमिश्नर स्तर के अधिकारी की मंजूरी के पश्चात ही किसी प्रतिष्ठान या फिर शख्स के निवास पर सर्वे कर पाएंगे।
क्या है निर्देश
सीबीडीटी ने आयकर विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ‘सेंट्रल चार्ज, इंटरनेशनल चार्ज एवं NeAC/NFAC (नेशनल ई-असेसमेंट सेंटर/नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर) के अधिकारियों के जरिए किसी तरह के सर्वे कार्रवाई की अगर आवश्यकता है तो इसकी मंजूरी उच्च स्तरीय अधिकारियों के कॉलेजियम से लेनी होगी।’
क्या होता है सर्वे
बता दें कि आयकर सर्वे में टैक्स अधिकारी किसी शख्स के आवास या फिर कारोबारी प्रतिष्ठान में जाकर उसके बहीखातों की जांच करते हैं, इलेक्ट्रॉनिक डेटा एवं ई-मेल का ब्योरा प्राप्त करते हैं। इस सर्वे का अर्थ यह नहीं है कि संबंधित प्रतिष्ठान ने टैक्स की चोरी की है। यह सर्वे यदि ऐसी चोरी का आरोप है या फिर शंका है तो उसको पुख्ता करने हेतु ही अधिकारी करते हैं।
अंतिम उपाय होना चाहिए
आदेश में बताया गया है कि यह सर्वे केवल जांच विंग या फिर टीडीसी चार्ज के अधिकारियों के जरिए ही किया जा सकेगा और यह अंतिम कदम होगा, जब किसी दूसरे ढंग से टैक्स का ब्योरा प्राप्त न हो सके।