राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर विशेष बल देती है। महिलाएं स्वावलम्बी बन कर अपने व समाज के उत्थान में भागीदार बन सकती है। राज्यपाल ने ग्रामीण महिलाओं से कहा कि वह अपनी बेटे बेटियों को पढ़ाने का संकल्प लें। बेटियां शिक्षित होगी, तो आवश्यकता पड़ने पर वह स्वयं किसी रोजगार व कार्य करके आत्मनिर्भर होकर अपना जीवन यापन कर सकती है।उन्हें किसी दूसरे के ऊपर निर्भर नहीं रहना पडेगा। उन्होंने कहा कि बेटियों किशोरियों को कुपोषण से मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि महिलायें को शारीरिक रुप से सशक्त होना चाहिये। उन्होंने कहा कि बेटा बेटी में कोई भेद भाव नही करें और समान रुप से उनके शिक्षा व पालन पोषण का संकल्प लें।
कृषक महिला सशक्तीकरण
राज्यपाल ने कृषक महिला सशक्तीकरण के अन्तर्गत खाद्य एवं पोषण सुरक्षा व ग्राम्य समृद्वि दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,कानपुर के प्रांगण में किया। उन्होंने यहां बड़ी संख्या में उपस्थित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं एवं महिला किसानों को संबोधित किया। कहा कि भारत में कृषि क्षेत्र का सबसे बड़ा क्षेत्र है और इस क्षेत्र में महिलाओं एवं पुरुषों के सहयोग से अधिक कार्य हो रहा है। कृषि के साथ-साथ पशु पालन कार्य भी किया जाता है।
महिलाएं पहचाने अपनी शक्ति
आनन्दी बेन ने कहा कि महिलायें अपनी शक्ति को पहचानें और उसका सही दिशा में सदुपयोग करें। उन्होंने कहा कि उप्र में स्वयं सहायता समूह प्रभावी ढंग से कार्य कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार ने गर्भवती महिलाओ की स्वास्थ्य सुविधा हेतु चिकित्सालयों में उनके स्वास्थ्य परीक्षण एवं प्रसव आदि की व्यवस्था की है इसके लिये महिलाओं को जागरुक होकर लाभ लेने की आवश्यकता है। सरकार गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य की जांच कराने के लिये पांच हजार रुपये व्यय कर रही है। उन्होंने कहा कि कुपोषण व टीवी जैसी गम्भीर बीमारियों से लोगों को मुक्त कराना है।
उन्होंने नवजात शिशुओं को माताओं द्वारा स्तनपान कराये जाने पर जोर देते हुये कहा कि यह उनके जीवन रक्षक के रुप में काम करता है। उन्होंने नवजात बच्चों की एक से डेढ वर्ष तक बच्चों की अच्छी तरह से देखभाल करने का आवाहन किया जिससे कि बच्चे निरोगी रहें। उन्होंने कहा कि सभी महिलायें संकल्प लें कि वह कभी अपने बेटे के शादियों में दहेज की मांग नहीं करेंगी, जिससे कि दहेज जैसी कुप्रथा को समाप्त किया जा सके। इस अवसर पर उन्होंने स्वयं सहायता समूह की दस महिलाओं को सिलाई मशीन आदि वितरण किया।