उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने विधायक आशुतोष टंडन “गोपाल जी” के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राम नाईक ने कहा कि पुराने सहयोगी स्वर्गीय लालजी टंडन के बेटे के रूप में आशुतोष जी को जानते थे। लेकिन जब वह राज्यपाल बनकर लखनऊ आए तब तक उत्तर प्रदेश के समाज जीवन में आशुतोष टंडन ने अपना स्थान बनाया था और विशेष रूप से लखनऊवासियों के वे चहते नेता भी बन चुके थे।
टंडन जी के परिवार की नई पीढ़ी में भी जुड़कर मुझे आनंद हो रहा था। मैं राज्यपाल पद पर ना होते हुए भी हमारा स्नेह कायम रहा। जब भी आशुतोष जी मुंबई आते तो मुझसे मिलने जरूर आते।
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स्वर्गीय लालजी के निधन के बाद मैं भी उनसे लखनऊ में मिला था। वही हमारी आखिरी मुलाकात थी। गत सप्ताहमें मैं चार दिन लखनऊ में ही था, किंतु डॉक्टर की सलाह थी कि वे मिलने के स्थिति में नहीं है। “वैसे भी 63 कोई जाने की उम्र नहीं है। आशुतोष जी जैसा कार्य तत्पर विधायक-नेता इतने जल्दी चल बसने से लखनऊ के समाज जीवन में क्षति महसूस होगी। श्री नाईक ने कहा, “ईश्वर गोपाल जी की आत्मा को सद्गति दें। तथा शोकग्रस्त परिवारजनों को संबल प्रदान करें यही मेरी प्रार्थना है।”