राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल स्वय भी शिक्षिका रहीं हैं. उन्होंने संघर्षों का सामना करते हुए शिक्षा ग्रहण की. आज राज्यपाल और कुलाधिपति के रूप में भी वह शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करती हैं. उन्होंने अपने अनुभव साझा किए।
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उन्होंने बताया कि जब हम पढ़ाई कर रहे थे तब उस समय बालिकाओं के शिक्षा के लिए गांव में शिक्षा का प्रबन्ध नहीं था. काफी दूर चल कर स्कूल जाना पड़ता था. तब भी हम सभी भाई बहनों ने शिक्षा ग्रहण की। मेरे मन में यह कभी विचार नहीं आया कि मैं अकेले ब्वायज स्कूल में पढ़ती हूँ। इसलिए मैं सभी अभिभावकों से अपील करती हूं कि वे अपने बेटे-बेटियों को अवश्य स्कूल भेंजे। हमें यह याद रखना चाहिए कि जब हम एक बेटी को पढ़ाते हैं तब हमारी सात पीढ़ियां शिक्षित हो जाती हैं।
राज्यपाल शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों में समाज और राष्ट्र के प्रति दायित्व बोध जागृत करने को अपरिहार्य मानती हैं. एक बार फिर उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज और राष्ट्र के विकास का प्रमुख माध्यम है. शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को समाज एवं जीवन के महत्वपूर्ण सन्दर्भ से जोड़ने का प्रयास होना चाहिए।
आनन्दीबेन पटेल ने शिया पीजी कालेज, लखनऊ के कला संकाय हेतु नवनिर्मित भवन ‘इमाम अली रजा’ का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि पहले बालिकाओं की शिक्षा के बारे में कोई सोचता ही नहीं था। लेकिन आज हमारी बालिकाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और समाज में बेटियों के प्रति लोगों का नजरिया भी बदला है।
नई शिक्षा नीति की सराहना
राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति को बहुत सराहनीय बताया. कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 में केजी से पीजी तक के सभी विद्यार्थियों के लिए रूचिपूर्ण शिक्षा की बेहतर व्यवस्था है। इसलिए हम बच्चे की प्रतिभा को ध्यान में रखकर उनको उसी दिशा में अग्रसर होने के लिए प्रेरित करें। सभी शिक्षण संस्थानों को समय के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री