भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का फलक बहुत व्यापक था। इसमें राष्ट्रीय विचारों की व्यापक भाव भूमि थी। अनेक महापुरुषों ने अपने अपने ढंग से इसमें योगदान दिया। विनोबा भावे का नाम भी इसमें विशिष्ट है। वह महात्मा गांधी के निकट सहयोगी थी। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने उनका स्मरण किया। कहा कि विनोबा जी का सहज और सरल जीवन अध्यात्मिकता और जिज्ञासा का समन्वय था।
आनंदीबेन पटेल ने जनपद शाहजहांपुर में रोजा बरतारा स्थित विनोबा सेवा आश्रम के चालीसवें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि आचार्य विनोबा भावे ने गांधी जी के साथ मिलकर देश के स्वाधीनता आन्दोलन में महत्वपूर्ण कार्य किया है। स्वतंत्रता के पश्चात समाज सुधार के आन्दोलन की शुरूआत की। इस सन्दर्भ में उनके भूदान एवं सर्वोदय आन्दोलन बहुत प्रभावी रहे।
त्रिमाता उपासना कुटीर
आनन्दी बेन पटेल ने त्रिमाता उपासना कुटीर का लोकार्पण किया। यहां उन्होंने महिला किसानों की समस्या सुनी और निर्देश दिया कि निराश्रित महिलाओं को पेंशन योजना से लाभान्वित किया जाए व उनकी हर सम्भव मदद की जाए। राज्यपाल ने कहा है कि आवास योजना के हर पात्र लाभार्थियों को लाभ दिया जाए। गोल्डेन कार्ड का लाभ अभियान चलाकर कैम्प के माध्यम से पात्रों को उपलब्ध कराया जाए।
महिला किसानों का सम्मान
आनंदीबेन पटेल ने विनोबा सेवा आश्रम में पच्चीस महिला किसानों को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने वहां जैविक खेती व केंचुए से खाद बनाने की प्रक्रिया देखी और उसकी सराहना भी की। इसके साथ ही विनोबा सेवा आश्रम में विभिन्न विभागों एवं विनोबा सेवा आश्रम द्वारा किये जा रहे कार्यो की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। आश्रम की गौशाला का निरीक्षण किया और गौशाला में गाय को गुड़ खिलाया।