गुजरात की कोर्ट ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता Hardik Patel हार्दिक पटेल समेत तीन लोगों को 2015 में मेहसाणा जिले में हुए दंगों में दोषी करार दिया है। इस दौरान अदालत ने इन सबको दो साल की जेल की सजा सुनार्इ है।गुजरात में कड़वा, लेउवा और आंजना तीन तरह के पटेल हैं। आंजना पटेल ओबीसी में आते हैं, जबकि कड़वा और लेउवा पटेल ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
Hardik Patel : दो साल की जेल
गुजरात की अदालत ने मेहसाणा जिले में साल 2015 में हुए दंगों को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने तीन साल पहले बीजेपी विधायक के कार्यालय को बर्बाद करने के आरोपी पाटीदार आंदोलन के प्रमुख हार्दिक पटेल और उनके दो सहयोगियों को दो साल की जेल की सजा सुनाई है।
विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय हुआ था बर्बाद
पटेल ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पाटीदार युवाआें को आरक्षण दिए जाने की मांग की थी। इसके लिए गुजरात में जगह-जगह आंदोलन किए गए थे। आंदोलन काफी हिंसक भी हुआ था। वहीं करीब 3,000 से 5,000 लोगों की एक भीड़ ने भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय को बर्बाद कर दिया।
17 लोगों के साथ हार्दिक पटेल बने आरोपी
हार्दिक पटेल समेत 17 लोगों पर आग लगाने, दंगे भड़काने और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। इतना ही नहीं इस घटना के बाद हार्दिक पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस दौरान अदालत ने हार्दिक पटेल को मेहसाणा जिले में प्रवेश करने से रोक दिया था।