हरियाणा बदलाव चाहता है, और इस बदलाव का झंडा उठा रही है लोकदल। एक राज्य जहां किसानों की समस्याएं अनसुनी रह जाती हैं, वहां लोकदल ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हरियाणा में आज भी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को नहीं मिल रहा है, और इसी मुद्दे को लेकर लोकदल का संघर्ष जारी है।
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लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह (Sunil Singh) ने किसानों की दुर्दशा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के दर्द को किसी ने नहीं समझा। सुनील सिंह का कहना है कि किसानों की पार्टी लोकदल किसानों को उनके फसलों का उचित दाम दिलाना चाहती है और अपने अधिकारों के लिए जान गंवाने वाले किसानों की याद में एक स्मारक का निर्माण होना चाहिए।
हरियाणा में लोकदल ने खेती से जुड़ी समस्याओं और बढ़ती महंगाई जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा शुरू कर दी है। आज के समय में, बढ़ती महंगाई और कम होती आय ने परिवारों के खर्च पर गंभीर प्रभाव डाला है। 2022 में, कृषि से जुड़े कुल 11,290 लोगों ने आत्महत्या की थी, जिनमें से 5,207 किसान और 6,083 खेतिहर मजदूर थे। यह आंकड़े हमें सोचने पर मजबूर करते हैं कि आखिर क्यों किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं।
फरवरी 2024 में शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान पाँच किसानों की मौत हो गई थी। यह घटनाएं दर्शाती हैं कि किसान कितनी कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। आज के हरियाणा में, युवा बेहतर अवसरों की तलाश में राज्य छोड़ रहे हैं। लोकदल का मानना है कि हरियाणा की पूर्व सरकारों ने राज्य की हालत को उसके पड़ोसी राज्यों पंजाब, यूपी, हिमाचल और राजस्थान से भी बदतर बना दिया है।
अब वक्त है बदलाव का। लोकदल का उद्देश्य है हरियाणा को एक नई दिशा देना, जहां किसानों और युवाओं को उनके हक मिलें, और हरियाणा का भविष्य उज्जवल हो। क्या हरियाणा तैयार है इस बदलाव के लिए? लोकदल के साथ मिलकर चलिए और इस परिवर्तन का हिस्सा बनिए।