औरैया। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में अचानक हो रही बढ़ोत्तरी से चिकित्सकों की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाएं व सुविधाएं नगण्य साबित हो रहीं हैं। जिले में मंगलवार की सुबह जहां जिला अस्पताल से पत्रकार विनोद दुबे के भाई उद्यमी विपिन दुबे की मृत्यु की खबर आयी वहीं शाम होते होते पत्रकार रामनरेश तिवारी की मृत्यु ने सभी झकझोर दिया। इस बीच पत्रकार राजीव शुक्ला के चाचा तो गौरव श्रीवास्तव की दादी की भी मृत्यु की खबर को सभी ने असहाय हो सुना।
वहीं एक अन्य पत्रकार गोपाल मिश्रा अपने जीवन की आश लेकर उपचार हेतु भर्ती हैं और हालात ऐसे हैं कि बेड के अभाव में मरीजों का उपचार वेटिंग चेयर पर लिटा ऑक्सीजन देकर किया जा रहा है। वहीं शाम को जिला अस्पताल में अपने मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित मगर आक्रोशित तीमारदारों द्वारा स्वास्थ्य स्टाफ के साथ मारपीट की भी खबरें आई हैं।
बताते चलें कि जनपद के जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने 21अप्रैल को 100 शैय्या जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान कोविड फैसिलिटी की क्षमता 77 बेड से बढ़ाकर 200 बेड करने के साथ ही सभी बेड़ों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने हेतु दो सौ सिलेंडर मंगवाये जाने की बात कही। इसके बाद 23 अप्रैल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि कोविड फैसिलिटी में बेड़ों की संख्या 200 तक नहीं बढ़ाई गई, जिस पर उन्होंने है सीएमएस को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि आप कार्यों के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। जल्द से जल्द 200 बेड पूरे कर दिए जायें वरना उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इसके बावजूद अभी तक कोविड फैसिलिटी में बेड़ों की संख्या नहीं बढ़ सकी है, जिस कारण मरीज भगवान भरोसे पर हैं। बंद जुबान एक चिकित्साधिकारी का कहना है कि जब चिकित्सक ही नहीं है तो स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाकर क्या करें।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर