इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ महाराजगंज में दायर एक आपराधिक शिकायत को खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई तीन सप्ताह के लिए आज टाल दी। यह मामला 1999 की एक घटना से जुड़ा है और तब योगी सांसद थे। न्यायमूर्ति डी.एस. त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी की एक महिला नेता तलत अजीज द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई तीन सप्ताह के लिए टाल दी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसने 10 फरवरी, 1999 को महाराजगंज में एक बैठक आयोजित की थी ।
योगी आदित्यनाथ पर आरोप
योगी आदित्यनाथ बैठक स्थल पर पहुंचे और उपद्रव किया जिससे वहां हिंसक झड़प हो गई। उस हिंसक उपद्रव के दौरान तलत अजीज की सुरक्षा में लगे हेड कांस्टेबल सत्य प्रकाश की गोली लगने से मौत हो गई थी। इसके बाद, तलत अजीज द्वारा कोतवाली महाराजगंज थाना में योगी और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
इसी तरह, एसएचओ कोतवाली महाराजगंज बी.के. श्रीवास्तव ने भी भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 153ए और अन्य धाराओं के तहत योगी और 21 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। दिलचस्प है कि इसी घटना से संबंधित तीसरी एफआईआर तत्कालीन सांसद योगी द्वारा तलत अजीज और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई जिसमें आरोप लगाया गया कि तलत अजीज और कुछ अन्य लोगों ने उन पर हमला किया।
इसके बाद इस मामले को जांच के लिए सीबीसीआईडी को सौंप दिया गया जिसने अंतिम रिपोर्ट लगाकर इस मामले को बंद कर दिया। इससे व्यथित तलत अजीज ने अंतिम रिपोर्ट को चुनौती दी और महाराजगंज के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष आपत्ति याचिका दायर की जिसे मजिस्ट्रेट द्वारा आपराधिक शिकायत के मामले के तौर पर लिया गया। हालांकि मजिस्ट्रेट ने 13 मार्च, 2018 को इस शिकायती मामले को खारिज कर दिया। इसलिए तलत अजीज ने आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर कर उच्च न्यायालय में इसे चुनौती दी।