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यहाँ 90 वर्षों में पहली बार आम जनता के लिए खुला सबसे पुराने पिरामिड, देखने को मिला…

 मिस्र के सबसे पुराने पिरामिड को लगभग 90 वर्षों में पहली बार जनता के लिए खोला गया है। इस 4,700 वर्ष पुराने पिरामिड को ढहने से बचाने के लिए एक ब्रिटिश इंजीनियरिंग फर्म ने काफी काम किया और आखिरकार इसे संरक्षित करने में सफलता हासिल की। इसके बाद इस पिरामिड को लोगों के लिए खोल दिया गया है। जोसर (Djoser) पिरामिड 60 मीटर ऊंचा है और माना जाता है कि यह मिस्र का पहला पिरामिड है, जो कि दुनिया की सबसे पुरानी इमारत भी है।

दक्षिण काहिरा में यह पूरी तरह से पत्थरों से बनी संरचना है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसे मिस्र के वास्तुकार इम्होटेप (Egyptian architect Imhotep) ने बनाया था। कहा जाता है कि इस पिरामिड में राजा जोसर का शव दफनाया गया था। हालांकि, इमारत को सपोर्ट करने वाले पत्थर के बीम और ब्लॉक इतने सालों में कमजोर हो गए थे।

वेल्स के न्यूपोर्ट के इंजीनियर पीटर जेम्स ने साल 2011 में ढ़हते हुए मकबरे को ठीक करने का काम शुरू किया था और आखिरकार यह संरचना पर्यटकों के लिए फिर से खोली गई है। मेहमान अब 1930 के दशक के बाद पहली बार किंग जोसर को दफनाए जाने वाले कमरे तक जा सकते हैं, जो कि पहले सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया था।

पिरामिड की मरम्मत करने वाली ब्रिटेन की इंजीनियरिंग फर्म सिंटेक के प्रबंध निदेशक जेम्स ने बताया कि निर्माण कार्य जोखिम से भरा हुआ था। यह वास्तव में बेहद खतरनाक था। जोसर का पिरामिड एक क्रांतिकारी अवधारणा थी, जो भविष्य के मिस्र के सभी विकास का खाका प्रदान करने वाले पिरामिड का प्रोटोटाइप था। यह उन तीन पिरामिड में शामिल है, जो उत्तर पश्चिम में गीजा से 12 मील की दूरी पर स्फिंक्स के पास खड़े हैं। स्टेप पिरामिड छह मास्टबास (आयताकार संरचनाओं) से बना होता है, जो एक दूसरे के ऊपर ढेर की तरह होते हैं। इस पिरामिड के अंदर से अभी तक कोई भी ममी या सामग्री बरामद नहीं हुई है।

2,680 ईसा पूर्व में बनाए गए इस पिरामिड को इम्होटेप के निर्देशन में डिजाइन किया गया था और बनाया गया था। उन्हें दुनिया का पहला वास्तुकार माना जाता है। मिस्र के पर्यटन और पुरावशेष मंत्री खालिद अल-अनानी ने कहा कि हम इस बात से आश्चर्यचकित हैं कि पीटर कैसे इस संरचना को बनाने में सक्षम थे, जो 4,700 वर्षों पहले बनी थी।

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