भारत इस बार 01 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G-20 की अध्यक्षता करेगा। इस भूमिका के तहत भारत द्वारा इस दिसंबर से शुरू होने वाले देश भर में 200 से अधिक G-20 बैठकों की मेजबानी करने की उम्मीद है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि हमारी जी20 प्राथमिकताएं मजबूत होने की प्रक्रिया में हैं, चल रही बातचीत अन्य बातों के साथ-साथ समावेशी, न्यायसंगत और सतत विकास के इर्द-गिर्द घूमती है। साथ ही कहा है कि राष्ट्राध्यक्षों / शासनाध्यक्षों के स्तर पर G20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 09 और 10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में आयोजित होगा।
क्या है G-20 ?
G-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है. इसमें 19 देश शामिल हैं – अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएस – और यूरोपीय संघ (ईयू)।
अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को भी निमंत्रण: G-20 सदस्यों के अलावा G-20 प्रेसीडेंसी द्वारा कुछ अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (IOs) को G-20 बैठकों और शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने की परंपरा रही है। अतिथि देशों के रूप में बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात, साथ ही आईएसए (अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन), सीडीआरआई (आपदा लचीला बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन) और एडीबी (एशियाई विकास बैंक) अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कही ये बात: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले सप्ताह कहा था कि जी-20 में बहुपक्षीय सहयोग समावेश, लचीलेपन और विविधता के सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत की अध्यक्षता के दौरान, जी-20 फोरम सभी के लिए शांतिपूर्ण, टिकाऊ और समृद्ध दुनिया के निर्माण की दिशा में बहुपक्षवाद और वैश्विक शासन को और मजबूत करने के प्रयास करने की आकांक्षा के साथ आगे बढ़ेगा।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी