कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिन्धिया (Jyotiraditya Scindia) के BJP का दामन थामने को लेकर त्रिपुरा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख और माणिक्य शाही परिवार से आने वाले प्रद्योत देबबर्मन ने कहा कि उनके चचेरे भाई ज्योतिरादित्य सिन्धिया (Jyotiraditya Scindia) का BJP से जुड़ने का फैसला “सही विकल्प” नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व युवा नेताओं को मौका देने को तैयार नहीं है।
देवबर्मन ने पिछले साल त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। देवबर्मन ने बताया, “मेरा मानना है कि हम सबको साथ बैठना चाहिए और इस बारे में सोचना चाहिए क्योंकि हम सभी कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े हैं।” देबबर्मन ने कहा, “BJP की सवारी करना सही विकल्प नहीं है। हम सभी को साथ बैठना चाहिए और इस परिस्थिति में जब कांग्रेस नेतृत्व युवाओं को आगे लाने के लिए तैयार नहीं है, देश के लिए कैसे योगदान कर सकते हैं इसके तरीके खोजने चाहिए।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी युवा नेताओं ने एक साथ काम किया और यह समय है कि हम एक समाधान पेश करें क्योंकि देश को एक प्रभावी विपक्ष की जरूरत है।”
देबबर्मन ने कहा, “मेरा मानना है कि सचिन पायलट (राजस्थान), अजय कुमार (झारखंड) और कई अन्य नेताओं में काफी क्षमता है।” पूर्व आईपीएस अधिकारी और झारखंड कांग्रेस के प्रमुख अजय कुमार ने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस छोड़ दी थी और आम आदमी पार्टी के साथ जुड़े गए। देबबर्मन ने कहा कि यदि कांग्रेस, BJP के विरूद्ध लड़ने के लिए तैयार नहीं है, तो ऐसे में अवश्यक है कि “एक नई स्वतंत्र पार्टी का गठन किया जाए, जो कि सभी के लिए काम करे।
सिन्धिया को राहुल गांधी का अप्वांइटमेंट नहीं मिलने वाली फेसबुक पोस्ट पर उन्होंने कहा, “सिन्धिया ने पांच महीने पहले राहुल गांधी के कार्यालय से मिलने का वक्त मांगा था लेकिन उन्हें अप्वाइंटमेंट नहीं दी गई और कल राहुल गांधी ने दावा किया कि सिन्धिया उन नेताओं में से एक है, जो कभी भी उनके घर आ सकते है। उन्हें अपने कार्यालय से पूछना चाहिए कि क्यों सिन्धिया को मिलने के लिए समय नहीं दिया गया।