जम्मू-कश्मीर में अब बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। नए गृहमंत्री अमित शाह आंतरिक सुरक्षा को लेकर लगातार बैठक कर रहे हैं। मंगलवार को भी अमित शाह ने गृह सचिव राजीव गौबा, एडिशनल सचिव (कश्मीर) ज्ञानेश कुमार समेत कई अफसरों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग के दौरान कश्मीर के हालात पर चर्चा की गई।
जानकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अब नए सिरे से परिसीमन और इसके लिए आयोग गठन पर विचार किया गया है। रिपोर्ट के बाद कुछ सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की जा सकती हैं। इस मामले में अमित शाह, राज्यपाल सत्यपाल मलिक से बात कर चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन की मांग बीते कई सालों से की जाती रही है। इसके पीछे सभी जातियों को राज्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व देने की मंशा थी। जम्मू क्षेत्र में यह भावना रही है कि विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से असंतुलित प्रतिनिधित्व रहा है। एक अन्य वर्ग की यह सोच है कि कश्मीर घाटी में अनुसूचित जाति और जनजातियां न होकर गुर्जर, बकेरवाल और गढ़रिये हैं जिनकी 11 फीसदी आबादी को 1991 में अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था, लेकिन इनका विधानसभा में राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं है।
बता दें कि अभी कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और लद्दाख में 4 विधानसभा सीटें हैं। इस आयोग की रिपोर्ट के बाद जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के आकार पर विचार हो सकता है और साथ में कुछ सीटें SC कैटगरी के लिए रिज़र्व की जा सकती हैं।
कश्मीर को लेकर अमित शाह ने गृह मंत्रालय संभालने के बाद से ही अपना एजेंडा साफ कर दिया था। पहले अमित शाह ने कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की। इसके बाद सोमवार को एनएसए अजीत डोभाल संग एक बड़ी बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, कश्मीर घाटी में अब भी 287 आतंकी एक्टिव हैं।
मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर मे उन दस आतंकियों की हिट लिस्ट जारी कर दी है जो कश्मीर में बंदूक थामे साजिश और खूनी प्लान में जुटे हैं। इनमें टॉप पर रियाज नायकू का नाम है और जैश से लेकर लश्कर- हिजुबल जैसे आतंकियों के सफाए की डेडलाइन भी तय कर दी गई है। खुफिया एजेंसियों के नए प्लान के मुताबिक, इन टॉप 10 आतंकियों का जल्द सफाया होगा।