दिल्ली उच्च न्यायालय ने हनीप्रीत इंसा की ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। अदालत ने कहा कि उनके लिये सबसे आसान तरीका आत्मसमर्पण करना होगा। हनीप्रीत डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की दत्तक पुत्री है। न्यायमूर्ति संगीता धींगरा सहगल ने हनीप्रीत और दिल्ली पुलिस की तरफ से दलीलों को सुनने के बाद कहा कि वह इसपर आदेश सुनाएंगी। आदेश बाद में सुनाए जाने की संभावना है। अदालत ने कहा, ‘‘आपके लिये सबसे आसान तरीका आत्मसमर्पण करना होगा।’’
हनीप्रीत बलात्कार के दो मामलों में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराये जाने के बाद से फरार है। वह डेरा प्रमुख की दोषसिद्धि के बाद हरियाणा में कथित तौर पर हिंसा भड़काने के लिये राजद्रोह के आरोप का सामना कर रही है। ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाए जाने के दौरान गिरफ्तारी से बचाव के लिये होती है। हनीप्रीत राजद्रोह के मामले में जांच में शामिल होने के लिये दिल्ली से हरियाणा ले जाए जाने के दौरान गिरफ्तारी से बचाव की मांग कर रही है। सुनवाई के दौरान हरियाणा पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय में हनीप्रीत के याचिका दायर करने का विरोध किया। उसने कहा कि यह अपनी पसंद से मंच चुनने की युक्ति है।
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