एक अध्ययन के अनुसार जो पुरुष चाय, कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स, जिनमें चीनी काफी मात्रा में होती है का अधिक सेवन करते हैं, उनमें बाल झड़ने का खतरा 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
वहीं अमेरिकन हेयर लॉस एसोसिएशन ने गंजेपन से बचने के लिए खुश रहने व तनाव से बचने की सलाह दी है। तनाव से माइटोकॉन्ड्रिया में बदलाव आने लगता है, जिन्हें कोशिकाओं का पावर हाउस माना जाता है। जब इनमें बदलाव आने लगता है तो बालों से जुड़े सैकड़ों प्रोटीन भी बदलने लगते हैं। जिससे बाल सफेद होने की शुरुआत हो जाती है। पहले गंजेपन व बालों के सफेद होने को उम्र से जोड़ा जाता था, लेकिन अब 20-30 साल के युवाओं में भी ये समस्याएं सामने आ रही हैं।
बालों का झड़ना
हमारे बाल एक नियमित विकास चक्र से गुजरते हैं। एनाजेन फेज में, जिसकी अवधि तीन से चार वर्ष होती है, बाल बढ़ते हैं। टेलोजन फेज जो करीब तीन महीने तक चलता है, बाल आराम करते हैं। इसके बाद बाल गिर जाते हैं और इनके स्थान पर नए बाल आ जाते हैं। प्रतिदिन 50-100 बालों का गिरना सामान्य बात है। हर समय हमारे 10 प्रतिशत बाल ‘रेस्टिंग फेज’ में होते हैं और 2-3 माह बाद बाल गिर जाते हैं, फिर उनकी जगह नए बाल आ जाते हैं। कुछ लोगों में बाल गिरने की समस्या सामान्य से ज्यादा होती है। गंजेपन के कारण मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है। हालांकि, पुरुषों में गंजेपन की समस्या अधिक होती थी। पर, अब महिलाओं में भी असमय बालों की समस्याएं बढ़ रही हैं।
बालों का असमय सफेद होना
बालों को रंग एक पिगमेंट से मिलता है, जिसे मेलैनिन कहते हैं। इसका निर्माण हेयर फॉलिकल में स्थित मेलैनोसाइट कोशिकाओं से होता है। शोध साबित करते हैं कि उम्र बढ़ने पर मेलैनोसाइट को नुकसान पहुंचता है, जिसके कारण मेलैनिन का निर्माण प्रभावित होता है। इस गड़बड़ी के कारण जो नए बाल उगते हैं, उसमें कोई पिगमेंट नहीं होता, जिसके कारण वह सफेद दिखाई देते हैं। तनाव व पोषक तत्वों की कमी से भी किशोरों में बाल सफेद होते हैं। ब्रिटेन की युनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल में हुए शोध में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों के बाल असमय सफेद हो जाते हैं, उनमें विटामिन बी12 की कमी पाई जाती है।
बालों के खराब होने के कारण
प्रोटीन की कमी
बालों को काफी मात्रा में पोषण की जरूरत होती है, जिसमें से प्रोटीन बहुत महत्त्वपूर्ण है। जो लोग अपनी डाइट में रोज 35 ग्राम प्रोटीन का सेवन नहीं करते उनके बाल जल्दी सफेद होने लगते हैं।
गलत खान-पान
अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, अल्कोहल, मैदे, चीनी, लाल मांस, तले हुए और मसालेदार भोजन का अधिक मात्रा में सेवन पोषक तत्वों को हेयर फॉलिकल तक पहुंचने से रोकते हैं, जिससे बालों की सेहत प्रभावित होने लगती है।
जीन्स
कभी-कभी बाल सफेद होने या गंजेपन की समस्या माता-पिता या पूर्वजों से विरासत में मिलती है।