आचार्य चाणक्य की बताई नीतियों को अगर व्यक्ति अपने जीवन में लागू कर ले तो बड़े से बड़े लक्ष्य को भी हासिल कर सकता है. आचार्य चाणक्य की नीतियों में दूरदर्शिता होती है. उनके द्वारा कही गई तमाम बातों को आज के परिवेश में भी काटा नहीं जा सकता. अगर आपने भी जीवन में कोई बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है और इसे पाने का मन बना चुके हैं तो आचार्य चाणक्य की दी हुई ये सीख कभी न भूलें.
1. किसी भी लक्ष्य को निर्धारित करने से पहले खुद से तीन प्रश्न करें. पहला आप उस काम को क्यों करना चाहते हैं ? दूसरा इसका क्या परिणाम होगा ? तीसरा प्रश्न क्या आपको इसमें सफलता मिलेगी ? यदि तीनों प्रश्नों के जवाब आपको आश्वस्त करने वाले हों, तभी उस लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाएं.
2. आपने अपने लक्ष्य के लिए क्या रणनीति बनाई है, इसके बारे में कभी भी किसी को न बताएं. गुप्त रूप से केवल उस दिशा में मेहनत करते रहें.
3. यदि आपके लक्ष्य के मार्ग में कोई विपत्ति आए तो उससे घबराकर लक्ष्य को बीच में न छोड़ें. धैर्य के साथ विपत्ति का सामना करें और लक्ष्य के प्रति सकारात्मक सोच के साथ प्रयास को जारी रखें.
4. जरूरी नहीं जैसा आपके साथ पहले हुआ है, वो आगे भी होगा. आपके भविष्य को संवारने की गुंजाइश हमेशा आपके हाथ में होती है. इसलिए अपने अतीत के बारे में ज्यादा न सोचें. वर्तमान पर फोकस करें और इसे बेहतर बनाएं. यदि वर्तमान अच्छा होगा तो भविष्य भी अच्छा ही होगा.
5. जो भी व्यक्ति किसी कार्य में आपकी मदद कर रहा है, वो किसी न किसी स्वार्थ की वजह से आप से जुड़ा है. इस बात को हमेशा ध्यान में रखें. इसलिए भावुक होकर कोई गलत फैसला न लें.
6. कोई भी व्यक्ति अपने कर्मों की बदौलत ही समाज में मान प्रतिष्ठा प्राप्त करता है, इसलिए लक्ष्य की ओर बढ़ते समय भी धर्म का मार्ग कभी न छोड़ें. पूरी लगन और मेहनत से काम करें ताकि जब आपके पास सफलता आए तो आप दूसरे लोगों की प्रेरणा बन सकें.