दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की हवा इस सीजन में दूसरी बार जहरीली बन गई। पड़ोसी राज्य से दिल्ली पहुंच रहे पराली के धुएं व स्थानीय मौसमी दशाओं के बिगड़ने से हवा में मौजूद प्रदूषक तीन से चार गुना तक बढ़ गए हैं।
मंगलवार दिन भर दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग की घनी चादर छाई रही। इससे सड़क पर निकले लोगों ने घुटन महसूस की। खुले में सांस लेना तक मुश्किल था।
वायु प्रदूषण की जांच करने वाली सरकारी संस्था सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च ने चेतावनी दी कि आज यानी बुधवार को दिल्ली-NCR की हवा प्रदूषण के मामले में आपातकालीन स्थिति में है। भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव माधवन राजीवन ने ट्वीट पर कहा कि प्रदूषण को लेकर भविष्यवाणी (हरे रंग में) बताती है कि 14 नवंबर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीरतम की स्थिति में पहुंच जाएगा। यानी हवाओं में प्रदूषण की इमरजेंसी लागू है।
भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 11.7 डिग्री सेल्सियस था। यानी इस सीजन में अब तक का सबसे कम तापमान। यह इस समय के हिसाब से सामान्य न्यूनतम तापमान से करीब 2 डिग्री नीचे है। इसके अलावा हवा की गति में आई कमी और कम तापमान ने हवाओं को ठंडा और घना बना दिया है। इसकी वजह से प्रदूषण के तत्व एक ही जगह पर जमा हो रहे हैं।