उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के 17 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने के फैसले को बुधवार को जायज ठहराया, लेकिन उन्हें विधानसभा उपचुनाव लड़ने की इजाजत दे दी। न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बागी विधायकों की याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के. रमेश कुमार द्वारा बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने का फैसला सही था।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य ठहराने का अध्यक्ष का फैसला उचित नहीं था। न्यायालय ने बागी विधायकों को विधानसभा उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी। शीर्ष अदालत ने इस मामले में गत 25 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि कर्नाटक में आने वाली 5 दिसंबर को 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, ऐसे में अयोग्य करार दिए जा चुके ये विधायक इन चुनावों में अपनी किस्मत आजमा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि विधानसभा स्पीकर ये तय नहीं कर सकता है कि विधायक कबतक चुनाव नहीं लड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर पर तल्ख टिप्पणी की और कहा कि स्पीकर एक अथॉरिटी जैसे काम करता है, ऐसे में उसके पास कुछ ही ताकत होती है।