गाजियाबाद में रक्षा मंत्रालय की हजारों वर्ग मीटर जमीन भू-माफिया द्वारा बेचे जाने का मामला सामने आया है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भूमाफियाओं ने गाजियाबाद में रक्षा मंत्रालय की 18 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन बेच डाली।
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आलम यह कि दस महीने पहले करोड़ों रुपए की जमीन बेचे जाने की घटना की किसी भी अधिकारी को भनक तक नहीं लगी। दस महीने पहले हुए फर्जी बैनामे के संबंध में बुधवार को सब रजिस्ट्रार द्वारा सिहानी गेट थाने में शिकायत दी गई।
इस जमीन की खरीद-फरोख्त में साढ़े दस करोड़ रुपए का भुगतान किए जाने की बात भी सामने आई है। इस फर्जीवाड़े के बारे में पता लगने के बाद गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने एसडीएम और सब रजिस्ट्रार को मामले की जांच सौंपी थी। जांच में जमीन रक्षा मंत्रालय की निकलने के बाद मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए गए। आदेश के बाद सब रजिस्ट्रार की ओर से सिहानी गेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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करीब दस घंटे की जांच में सेना की जमीन फर्जी तरीके से बेचे जाने का मामला सामने आया। बताया जाता है कि विजयनगर क्षेत्र में रक्षा संपदा विभाग की काफी जमीन खाली पड़ी हुई है। सड़क के दूसरी तरफ आबादी है। मिर्जापुर की खसरा संख्या-529 के नाम पर राइफल रेंज की सैन्य भूमि को फर्जी तरीके बेचने की साजिश की गई। इसमें से 18,710 वर्ग मीटर जमीन 17 अगस्त 2022 को मजीद पुत्र अब्दुल अजीज निवासी 12 ग्राम अर्थला मोहन नगर ने सेमटेक एसोसिएट्स प्राईवेट लिमिटेड के निदेशक समीर मलिक निवासी हबीब कॉलोनी जस्सीपुरा गाजियाबाद को 10 करोड़ 50 लाख रुपये में बेच दी।
जमीन बेचने और खरीदने वाले गाजियाबाद के रहने वाले हैं। लेकिन जमीन खरीदने के लिए लोन फरीदाबाद के एक निजी बैंक से कराया गया। भुगतान, एनईएफटी आरटीजीएस और अन्य मद से किया गया। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब खरीदार ने जमीन बेचने के लिए किसी अन्य डीलर को जमीन दिखाई और रजिस्ट्री करने के बाबत जानकारी दी।
इसका बैनामा सदर तहसील सब रजिस्टार के यहां पर कराया गया। हैरत की बात यह है कि जमीन की एक साइड केवल सड़क दर्शाई है बाकी जगह कुछ नहीं बताया गया। मजीद ने जिस खसरा नंबर- 529 की भूमि को खाली बताया उस खसरे में आबादी दर्ज है। बैनामे में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया बेची हुई जमीन कहां पर है। इसका मतलब कागजों में साजिश कर जमीन का सौदा किया गया।