- Published by- Anshul Gaurav, Tuesday, 22 Febraury, 2022
नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपन रुख साफ़ कर दिया है। शांति की पहल करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि सैन्य वृद्धि हमारे लिए ठीक नहीं हो सकता। यूक्रेन और रूस (Ukraine-Russia) के बीच बढ़ती तल्खी और युद्ध के गहराते संकट के मद्देनजर, भारत ने सभी पक्षों के बीच कूटनीटिक और राजनयिक बातचीत का आह्वान करते हुए यह बात कही है।
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यह मुद्दा केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है- भारत
मिली जानकारी के मुतबिक, UNSC की बैठक में तिरुमूर्ति ने कहा है कि, “रूस-यूक्रेन संकट की तत्काल प्राथमिकता डी-एस्केलेशन है। सीमा पर सैन्य वृद्धि हमारे लिए सही कदम नहीं हो सकता है।”
तिरुमूर्ती ने यह भी कहा है कि, “हम सभी पक्षों से संयम का आह्वान करते हैं। हम आश्वस्त हैं कि यह मुद्दा केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि “हमें तनाव को कम करने की कोशिश करने वाली पार्टियों की तरफ़ से हाल ही में की गई पहलों को जगह देने की जरूरत है।”
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भारतीयों की भलाई हमारी भी प्राथमिकता- तिरुमूर्ति
यूक्रेन पर भारत मानना है कि रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है। तिरुमूर्ती ने कहा है कि दोनों देशों के नागरिकों की सुरक्षा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और इसके सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीयों की भलाई हमारी भी प्राथमिकता है।
रूस ने दो अलगाववादी इलाकों Donetsk और Lugansk को दी स्वतंत्रता
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही तनातनी के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के दो विद्रोही और अलगाववादी इलाकों Donetsk और Lugansk की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। पश्चिमी देशों की पाबंदी लगाने की चेतावनी के बावजूद रूसी राष्ट्रपति ने राज्य की तरफ़ से टेलीविजन पर प्रसारित, अपने भावनात्मक संबोधन में दोनों इलाकों की स्वतंत्रता की मान्यता दी है। रूस के इस क़दम से पश्चिमी देशों और यूक्रेन से तनाव बढ़ने की आशंका गहरा गई है।