नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship amendment act) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen bagh) इलाके में जारी विरोध प्रदर्शन को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को जल्दी से यातायात सुचारू करने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिए. कोर्ट ने कहा कि संबंधित विभाग यानी पुलिस कानून के तहत और जल्दी काम करे. व्यापक जनहित और लॉ एंड ऑर्डर को देखते हुए पुलिस पूरी कार्रवाई करे.
नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के चलते दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाली कालिंदी कुंज-मथुरा रोड सड़क संख्या 13-A पूरी तरह से बंद है. इस सड़क को खुलवाने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका सुनवाई हुई. याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल की बेंच ने कहा कि प्रशासन जनता के हित में सामने आए.
याचिका दाखिल करने लाले वकील अमित साहनी ने कहा था कि दिल्ली से नोएडा और फरीदाबाद का रास्ता शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के चलते 15 दिसंबर से ही जाम है. इससे लाखों लोगों को परेशानी हो रही है. साहनी ने कोर्ट इस पर जरूरी कार्रवाई करने की मांग की थी, जिससे लोगों की परेशानी कम हो सके.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में करीब एक महीने से प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शनकारी शाहीन बाग में बीच सड़क पर 24 घंटे धरना प्रदर्शन करते रहते हैं. इनका कहना है कि सरकार जब तक इस कानून को वापस नहीं लेगी हम सड़क से नहीं हटेंगे. बीते दिनों प्रदर्शन को एक मजहब से जोड़े जाने के जवाब में यज्ञ और शब्द कीर्तन के साथ ही कुरान और बाइबल पढ़ी गई.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की रोज की तरह मंगलवार को भी ट्वीट कर लोगों से इस मार्ग के बंद होने और इसकी जगह डीएनडी और अक्षरधाम मार्ग से जाने का अलर्ट जारी किया. दूसरी ओर जाम से नाराज स्थानीय लोगों ने शाहीन बाग में जारी प्रदर्शनकारियों पर जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतर कर नाराजगी दिखाई.