मध्यप्रदेश। चुनाव आयोग ने आज राजस्व सचिव ए बी पांडे और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष पीसी मोदी को आज कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को संज्ञान में लेते हुए बुलाया है। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा लोकसभा चुनाव के दौरान प्रवर्तन एजेंसियों का उपयोग कर रही है।
कार्रवाई निष्पक्ष और भेदभाव रहित
चुनाव आयोग ने रविवार को वित्त मंत्रालय को स्ट्राॅन्ग एडवाइस (सलाह) दी थी कि प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की जाने वाली कार्रवाई निष्पक्ष और भेदभाव रहित होनी चाहिए। इसके साथ ही इस तरह के कार्यों के बारे में पोल पैनल के अधिकारियों को लूप में रखा जाना चाहिए।
केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग करने की बात
चुनाव आयोग ने यह सलाह रविवार को मध्य प्रदेश में की गई आयकर विभाग की छापेमारी और हाल ही में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु में राजनीतिक नेताओं या उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर मारे गए छापों की पृष्ठभूमि में दी थी। 10 मार्च को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से आयकर विभाग ने राजनीतिक नेताओं और उनके सहयोगियों पर कई छापे मारे हैं। विपक्ष ने इसे सत्ता पक्ष द्वारा चुनाव के दौरान केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग करने की बात कही है।
प्रमुख राजनीतिक दल के मुख्यालय में 20 करोड़ रुपये
आयकर विभाग ने सोमवार को कहा कि उसने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और अन्य के करीबी सहयोगियों के खिलाफ छापे के दौरान लगभग 281 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति को व्यवस्थित करने के रैकेट का पता लगाया है। विभाग ने यह भी कहा है कि मध्य प्रदेश और दिल्ली के बीच संदिग्ध भुगतानों की 14.6 करोड़ रुपये की नकदी और जब्त की गई डायरियां और कंप्यूटर फाइलें बरामद की गईं। सीबीडीटी ने कहा कि विभाग ने तुगलक रोड पर रहने वाले एक व्यक्ति के घर से कथित तौर पर दिल्ली में एक प्रमुख राजनीतिक दल के मुख्यालय में ले जाए गए संदिग्ध 20 करोड़ रुपये का भी पता लगाया है।