भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत खेली गई चार मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए उपयोग में लाई गईं चारों पिचों को आईसीसी ने ‘हाई रैटिंग’ से नवाजा है. रिपोर्ट के मुताबिक सीरीज में उपयोग में लाई गईं एडिलेड, मेलबर्न, सिडनी और ब्रिस्बेन की पिचों को आईसीसी ने ‘एवरेज’ से लेकर ‘वेरी गुड’ कटेगरी में रखा है.
एडिलेड की पिच को आईसीसी ने पिच और आउटफील्ड के लिए ‘वेरी गुड’ कटेगरी में रखा है. यह टेस्ट तीन दिनों में ही समाप्त हो गया था. इस पिच पर ही भारतीय टीम दूसरी पारी में सिर्फ 26 रनों पर ऑलआउट हो गई थी, जो टेस्ट क्रिकेट में उसका न्यूनतम स्कोर है.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि उसका लक्ष्य हमेशा से शानदार प्रतिस्पर्धा के लिए पिचें तैयार करना रहा है. सीए के चीफ अर्ल एडिंग्स ने एक क्रिकेट वेबसाइट से बातचीत में कहा, “हमारा लक्ष्य शानदार प्रतिस्पर्धा और अच्छे मुकाबले रहे हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए हम स्तरीय पिचें तैयार करते हैं.”
चार मैचों में दोनों टीमो की ओर से कुल 3900 रन बनाए गए और इस दौरान कुल 130 विकेट गिरे. इस हाई वोल्टेज सीरीज का फैसला अंतिम टेस्ट से हुआ, जहां भारत ने जीत हासिल करते हुए 2-1 से सीरीज अपने नाम की. यह मैच अंतिम दिन के अंतिम सत्र में अंतिम ओवरों में समाप्त हुआ.
ब्रिस्बेन की पिच को जहां ‘गुड वेरी गुड’ रेटिंग मिली, वहीं सिडनी टेस्ट के लिए उपयोग में लाई गई पिच को ‘एवव एवरेज एंड वेरी गुड’ रेटिंग मिली. दूसरा टेस्ट मेलबर्न में खेला गया था और इसे भारत ने 8 विकेट से जीतकर सीरीज में बराबरी की थी. इस मैच की पिच को ‘गुड और वेरी गुड’ रेटिंग मिली.
आईसीसी को सीरीज की समाप्ति के बाद टेस्ट, वनडे और टी20 मैचों के लिए उपयोग में लाई गई पिचों के सम्बंध में मैच रेफरी से रेटिंग मिलती है. इस रेटिंग की जानकारी मेजबान बोर्ड को दी जाती है. अगर पिच को खराब रेटिंग मिलती है तो फिर मेजबान बोर्ड को सफाई देनी होती है. अगर पिच की रेटिंग खराब या फिर अयोग्य रही तो फिर मेजबान बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.