अबतक के सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका को भारत द्वारा आर्थिक मदद के साथ रणनीतिक व अन्य मदद मुहैया कराई जा रही है। भारत ने श्रीलंका को इस स्थिति से उबारने की दिशा में अब नए कदम उठाए हैं। भारत का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका दौरे पर पहुंचा है।
ड़ोसी प्रथम नीति के तहत श्रीलंका पहुंचा भारतीय प्रतिनिधिमंडल, राष्ट्रपति से की मुलाक़ात।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर बताया विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने आज श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे से मुलाकात की। इस बैठक में उनके साथ वित्त सचिव अजय सेठ और मुख्य आर्थिक सलाहकार वीo अनंत नागेश्वरन भी मौजूद रहे। बैठक में श्रीलंका की वर्तमान स्थिति और भारत द्वारा श्रीलंका को दिए जा रहे सहयोग और समर्थन पर व्यापक चर्चा हुई।
बागची ने एक अन्य ट्वीट में कहा भारतीय अधिकारियों ने श्रीलंका में तेजी से आर्थिक पुनर्वास और निवेश बढ़ाने और आर्थिक संपर्क बढ़ाने के उपायों पर भी राष्ट्रपति गोतबाया के साथ चर्चा की। यह पहल भारत की ‘पहले पड़ोसी’ नीति को प्रदर्शित करती है। दोनों देशों ने आपसी संबंध और मजबूत करने की वचनबद्धता दोहराई।
मुलाकात के दौरान दोनों पक्षों के बीच सार्थक चर्चा हुई। क्वात्रा ने राजपक्षे से कहा कि भारत करीबी मित्र होने के नाते श्रीलंका की पूरी मदद करेगा ताकि वह मुश्किल स्थिति से निकल सके। भारतीय अधिकारियों के दल ने श्रीलंका को पहले भेजी जा चुकी सहायता सामग्रियों की समीक्षा की।
गौरतलब है कि श्रीलंका इस वक़्त भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में खाने पीने के सामान, ईंधन, दवाओं आदि की भारी किल्लत हो गई है। जल्द ही आईएमएफ का एक प्रतिनिधि मंडल हालात का आकलन करने के लिए कोलंबो पहुंचने वाला है।
रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी