बेंगलुरू। इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने शुक्रवार को गगनयान मिशन (Chandrayaan 2) के बारे में घोषणा करते हुए बताया कि इस अभियान की तैयारियां जोरों पर हैं। ये मिशन इसरो के इतिहास में टर्निंग प्वाइंट होगा। इस सिलसिले में दो मानवरहित मिशन क्रमश: दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में भेजे जाएंगे। अंतरिक्ष में मानवयुक्त मिशन के लिए दिसंबर 2021 की समयसीमा निर्धारित की गई है।
Chandrayaan 2 में महिला अंतरिक्ष यात्री भी शामिल
उन्होंने कहा कि गगनयान अभियान की प्रारंभिक तैयारियां भारत में की जाएंगी और एडवांस ट्रेनिंग रूस में हो सकती है। इस टीम में महिला अंतरिक्ष यात्री भी शामिल होंगी। इस कड़ी में छह रिसर्च केंद्र देश भर में विकसित किए जाएंगे। सिवन ने कहा की इस अभियान में हम भारतीय छात्रों को भी काम करने का मौका देंगे। ऐसे में उनको नासा में जाने की जरूरत नहीं होगी।
800 करोड़ रुपए की लागत वाला अभियान
इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 को इस साल मध्य अप्रैल में प्रक्षेपित किए जाने की योजना है। इसरो ने इससे पहले कहा था कि चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण इस साल जनवरी से 16 फरवरी के बीच किया जाएगा। 800 करोड़ रुपए की लागत वाला यह अभियान करीब 10 साल पहले प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-1 का उन्नत संस्करण है।
25 मार्च से मध्य अप्रैल का समय तय किया गया
सिवन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण की बात है तो इसके लिए 25 मार्च से मध्य अप्रैल का समय तय किया गया है। संभवत: इसे मध्य अप्रैल में प्रक्षेपित किए जाने का लक्ष्य है।’’ उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे पहले जनवरी और फरवरी के बीच प्रक्षेपित करने की योजना बनाई थी लेकिन कुछ परीक्षणों के समय से पूरा नहीं हो पाने के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘फरवरी के लक्ष्य से चूकने के बाद अगला उपलब्ध लक्ष्य अप्रैल है,अब इसे अप्रैल में प्रक्षेपित करने की योजना है।