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भारत-रूस व्यापार 50 अरब डॉलर से अधिक, जयशंकर ने

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुलाकात की। इस दौरान भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार में 50 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की उल्लेखनीय प्रगति पर चर्चा हुई। जयशंकर ने आगे विकास की संभावना और व्यापार संबंधों को अधिक टिकाऊ चरित्र देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा ‘मैं हमारी प्रगति और व्यापार पर प्रकाश डालना चाहूंगा, जो कि 50 मिलियन अमरीकी डॉलर के कारोबार से अधिक है और हमारा मानना है कि यह कुछ ऐसा है, जिसकी क्षमता अब दिखाई देने लगी है। यह महत्वपूर्ण है कि हम इसे अधिक टिकाऊ चरित्र दें और हमने चर्चा की कि हमें यह कैसे करना चाहिए।

इसके अलावा सहयोग के प्रमुख पहलुओं को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री ने कुडनकुलम परियोजना से संबंधित महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर करने पर प्रकाश डालते हुए परमाणु क्षेत्र पर चर्चा की। उन्होंने परमाणु ईंधन आपूर्ति पर एक महत्वपूर्ण समझौते को अंतिम रूप दिए जाने का खुलासा किया, जो परमाणु क्षेत्र में भारत-रूस सहयोग में प्रगति का संकेत देता है।

जनवरी में फिर से शुरू होगी एफटीए पर चर्चा
भारत-रूस व्यापार की सराहना करते हुए, जो अब तक के उच्चतम स्तर पर है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत अगले साल जनवरी में फिर से शुरू होगी। बता दें कि यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन यूरेशिया में स्थित पांच सोवियत-सोवियत राज्यों का एक आर्थिक संघ है। वहीं पांच सदस्य राष्ट्र हैं; रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान।

विदेश मंत्री ने कहा कि नई दिल्ली और मॉस्को के बीच संबंध बहुत स्थिर और मजबूत हैं और यह भू-राजनीतिक हितों पर रणनीतिक अभिसरण पर आधारित हैं। दरअसल, विदेश मंत्री बुधवार को मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘हमारी बातचीत का एक बहुत अच्छा सत्र रहा है और आज, जो वास्तव में सामने आया वह यह है कि भारत-रूस संबंध बहुत स्थिर, बहुत मजबूत बने हुए हैं।

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