टोक्यो ओलंपिक में खेलने के दावेदार खिलाडिय़ों के डोप में फंसने का क्रम जारी है। नाडा की सैंपलिंग में नामी एथलीट के बाद अब एक बड़ी महिला वेटलिफ्टर और अंतरराष्ट्रीय पुरुष पहलवान डोप पॉजिटिव पाए गए हैं। दोनों ही खिलाड़ियों का अब तक बी सैंपल टेस्ट नहीं हुआ है। लिफ्टर को 15 अप्रैल से शुरू हो रही ओलंपिक क्वालिफाइंग एशियाई चैंपियनशिप में खेलने सेे रोक दिया गया है, जबकि पहलवान को बीते दिनों ओलंपिक क्वालिफाइंग ट्रायल में अंतिम क्षणों में नहीं खेलने दिया गया।
लिफ्टर के सैंपल में पांच तरह के स्टेरायड पाए गए हैं, जबकि पहलवान के सैंपल में मिथाइल हेक्सेन-2-अमाइन (एमएचए) पाया गया है। लिफ्टर को अस्थाई रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जबकि पहलवान पर एमएचए के वाडा की स्पेसिफाइड सब्सटेंस की सूची में होने के कारण अस्थाई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
दोनों ही सैंपलों की टेस्टिंग बेल्जियम लैब में की गई है। लिफ्टर को साढ़े तीन महीने बाद आईआरएमएस के जरिए की गई जांच में पॉजिटिव घोषित किया गया है। उसके सैंपल में एंड्रोस्टोरॉन, टेस्टोस्टोरॉन, इटियोकोलेनॉन, 5एल्फा एडॉएल, 5बीटा एडॉएल पाए गए हैं। इस लिफ्टर ने दो वर्ष पूर्व ही सिडनी ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता करणम मल्लेश्वरी का स्नैच में राष्ट्रीय कीर्तिमान ध्वस्त किया था। टोक्यो में तीन के बजाय अब दो लिफ्टर खेलने के दावेदार बचे हैं।
नाडा ने लिफ्टर का सैंपल 26 नवंबर 2020 को एनआईएस पटियाला में लिया था। लिफ्टर इससे पहले अपने घर गई थीं, क्योंकि चीफ कोच विजय शर्मा और मीराबाई चानू के साथ उनका इलाज कराने के लिए अमेरिका गए थे। वेटलिफ्टिंग फेडरेशन ने लिफ्टर के घर से लौटने पर नाडा से सैंपल करने को कहा। चीफ कोच की गैर मौजूदगी में लिफ्टर का सैंपल लिया गया, जिसमें वह पॉजिटिव निकलीं।
2011 के डोप स्कैंडल के लिए जिम्मेदार एमएचए फिर सामने आने लगा है। पहले नामी एथलीट इसकेलिए डोप में फंसी अब पहलवान फंसा है। पहलवान भारतीय टीम के साथ इटली भी खेलने गया था, लेकिन डोप रिपोर्ट के बाद आईजी स्टेडियम में ओलंपिक क्वालिफाइंग एशियाई चैंपियनशिप के लिए हुए ट्रायल में उसे नहीं खेलने दिया गया।