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तेल और गैस कंपनियों को विंडफॉल टैक्स से राहत, नए कानून में नहीं लगेगा अप्रत्याशित कर लाभ

नए कानून के लागू होने के बाद तेल और गैस कंपनियों को अप्रत्याशित लाभ (विंडफॉल टैक्स) कर जैसे किसी भी नए कर का सामना नहीं करना पड़ेगा। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, नए विधेयक के पारित होने के बाद इस तरह का कर लगाना कठिन हो जाएगा, क्योंकि कोई न कोई हम पर मुकदमा कर देगा। उन्होंने कहा कि तेल और गैस की खोज और उत्पादन में निवेश करने के इच्छुक निवेशक राजकोषीय स्थिरता चाहते हैं। नए कर, जो दरें कम होने पर कम या शून्य मार्जिन की भरपाई किए बिना, ऊंची कीमतों पर अर्जित लाभ को छीनने का प्रयास करते हैं, अक्सर बाधक होते हैं।

2022 में लगाया गया था अप्रत्याशित लाभ कर
भारत ने एक जुलाई, 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया और वह उन देशों की सूची में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाते हैं। पिछले दो सप्ताह में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े कर दरों की समीक्षा की जाती थी। पिछले साल दिसंबर में 30 महीने बाद इस कर को खत्म कर दिया गया था। पुरी ने कहा कि वैश्विक तेल कंपनियां भारत में निवेश की संभावना तलाश रही हैं। ब्राजील की पेट्रोब्रास अंडमान बेसिन की खोज के लिए ऑयल इंडियाके साथ बातचीत कर रही है।

ओएनजीसी बड़ी कंपनियों से कर रही बातचीत
साथ ही ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) गहरे पानी की खोज में सहयोग के लिए एक्सॉनमोबिल और इक्विनोर जैसी बड़ी कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है। नया कानून उन सभी (अंतरराष्ट्रीय तेल कंपनियों) के लिए भारत आने और देखने के लिए स्थितियां बना रहा है। यह विधेयक सरकार के सुधार एजेंडे का हिस्सा है, जिससे कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस को खोजना और उत्पादन करना आसान हो जाएगा।

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