संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजनयिक एल्डोस मैथ्यू पुन्नूस ने सोमवार को गैर-उपनिवेशीकरण मुद्दे पर बहस के दौरान भारत के जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई। दरअसल पाकिस्तान ने अपने संबोधन में जम्मू कश्मीर और लद्दाख को लेकर आधारहीन आरोप लगाए थे। इस पर भारत ने अपने जवाब में पाकिस्तान के निराधार आरोपों की कड़ी निंदा की और पीओके में मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर पड़ोसी देश को घेर लिया।
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पाकिस्तान दिखावटी चुनाव, विपक्षी नेताओं को कैद करने के लिए बदनाम
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोप मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित हैं। भारत यह दोहराना चाहेगा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग हैं, थे और रहेंगे। पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामलों पर जवाब देने का हकदार नहीं है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘इस समय, हम पाकिस्तान को सलाह देते हैं कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर और लद्दाख (पीओजेकेएल) में हो रहे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन को रोके। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान किस तरह से विभाजनकारी गतिविधियां चलाता है। भारत इस बात पर जोर देना चाहेगा कि हमारी नींव पाकिस्तान के विपरीत, लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है।’ पाकिस्तान की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दिखावटी चुनावों, विपक्षी नेताओं की कैद और राजनीतिक आवाजों के दमन के लिए बदनाम है।
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पाकिस्तान आतंकवाद के समर्थन के लिए बदनाम
भारतीय राजनयिक ने कहा कि ‘पाकिस्तान, जम्मू कश्मीर में असल लोकतंत्र को काम करते देखकर दुखी हुआ होगा। बीते हफ्ते ही जम्मू कश्मीर में चुनाव नतीजे घोषित किए गए हैं और इस दौरान लाखों मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और संवैधानिक ढांचे के तहत अपने नेता का चुनाव किया।
साफ तौर पर पाकिस्तान इससे पूरी तरह नावाकिफ है।’ एल्डोस मैथ्यू पुन्नूस ने कहा कि ‘पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करने के लिए बदनाम है और हैरानी इस बात की है कि वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर सवाल उठा रहा है। पड़ोसियों के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद पाकिस्तान की नीति का हिस्सा रहा है।’