भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव को देखते हुये भारतीय सेना को ज्यादा मजबूत और आधुनिक बनाने के लिए भारत अमेरिका से मिसाइल और लेजर गाइडेड बम से लैस ड्रोन खरीदने की तैयारी कर रहा है.
भारत ने कम ऊंचाई पर अधिक देर तक उड़ान भरने वाले अमेरिकी सशस्त्र प्रीडेटर-बी ड्रोन खरीदने में रुचि दिखाई है. यह ड्रोन न सिर्फ खुफिया जानकारी एकत्रित करता है, बल्कि लक्ष्य का पता लगाकर उसे मिसाइल और लेजर गाइडेड बम से नष्ट कर देता है. फिलहाल भारत पूर्वी लद्दाख में इजराइली हेरोन ड्रोन का इस्तेमामल करता है, जो कि निहत्था है.
हाल ही में अमेरिका ने चार अरब डॉलर से अधिक के 30 सी गार्डियन बेचने की पेशकश की है. वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों को लगता है कि सर्विलांस और टारगेट पर हमला के लिए एक ही ड्रोन हो न कि अलग-अलग. भले ही भारतीय नौसेना अमेरिका के साथ बातचीत में मुख्य भूमिका निभा रही है, लेकिन भारतीय सेना प्रिडेटर-बी के पक्ष में है.
हालांकि अमेरिका भारत की उच्च तकनीकी हथियारों की आपूर्ति के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही साथ भारत के द्वारा एस-400 मिसाइल सिस्टम रूस से खरीदने से नाखुश भी है. उसे डर है कि सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भारत मास्को तक पहुंचा सकता है.