भारतीय महिला मुक्केबाज अल्फिया पठान (81 किग्रा) ने पोलैंड के किल्से में आईबा यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जीत दर्ज करके गुरुवार को स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। टूर्नामेंट में भारत का यह लगातार सातवां स्वर्ण पदक है। भारत ने महिला वर्ग में सभी सातों स्वर्ण पदकों पर कब्जा जमाया।
अल्फिया पठान (81 किग्रा) ने फाइनल में मोल्दोवा की डारिया कोज़ोरव को एकतरफा अंदाज में 5-0 से शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता।टूर्नामेंट में भारत का यह लगातार सातवां स्वर्ण पदक है। यूथ विश्व चैंपियनशिप में भारत का यह अब का बेस्ट और ऐतिहासिक प्रदर्शन है। भारत ने इससे पहले गुवाहाटी में 2017 में यूथ विश्व चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीते थे।
टूर्नामेंट के नौवें दिन भारत का यह लगातार सातवां स्वर्ण पदक है। पठान से पहले सानामाचा चानू, अरुंधति चौधरी (69 किग्रा), विंका (60 किग्रा), साल 2019 की एशियन यूथ चैंपियन बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा), पूनम (57 किग्रा) और गीतिका (48 किग्रा) ने स्वर्ण पदक जीते।
चानू ने फाइनल में रूस की वेलेरिया लिंकोवा को 5-0 से जबकि गीतिका ने पोलैंड की नतालिया डोमिनिका को एकतरफा अंदाज में 5-0 से शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता। वहीं, पूनम ने फाइनल में स्टील्नी ग्रॉसी को 5-0 से करारी शिकस्त दी जबकि झुलडीज श्याखेतोवा के खिलाफ पांच जजों ने सर्वसम्मति से विंका को विजेता घोषित किया। अरुंधति ने फाइनल में पोलैंड की बरबरा मार्सिंकोव्स्का को 5-0 से करारी मात दी।
20 सदस्यीय भारतीय दल ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए 11 पदक हासिल करके इतिहास रच दिया है। भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 पदकों का था, जो उसने 2018 में हंगरी में विश्व युवा चैंपियनशिप में जीता था। इससे पहले, पुरुषों के वर्ग में विश्वामित्र चोंगथोम (49 किग्रा), अंकित नरवाल (64 किग्रा) और विशाल गुप्ता (91 किग्रा) ने सेमीफाइनल में देश के लिए तीन कांस्य पदक जीते।
10 दिवसीय टूर्नामेंट में पुरुष और महिला मुक्केबाजों ने एक साथ भाग लिया। इससे पहले, हंगरी में 2018 में पहली बार पुरुषों और महिलाओं की चैंपियनशिप एक साथ खेली थी। चैंपियनशिप में 52 देशों के 414 मुक्केबाजों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।