सीनियर एडवोकेट Indu Malhotra को सुप्रीम कोर्ट का नया जज बनाया गया है। उन्होंने शुक्रवार को पद की शपथ ग्रहण की। केंद्र सरकार ने सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किए जाने की मंजूरी दी। वह बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट की जज नियुक्त होने वाली वह पहली महिला जज हैं। बहुत ही बेहतर तरीके से आक्रामक और बेबाक वकीलों में से एक हैं। वह किसी भी मामले में बेहतर तरीके से अपने मत को रखने में सक्षम हैं। वह सर्वश्रेष्ठ वकीलों में से एक हैं और सुप्रीम कोर्ट की जज बनाए जाने योग्य हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सर्वश्रेष्ठ वकीलों में से एक हैं Indu Malhotra
बेंगलुरु के मशहूर वकील परिवार में पैदा हुई इंदु मल्होत्रा 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में शामिल हुई और उन्होंने लीगल प्रोफेशन की शुरुआत की। 1988 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ‘एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड’ परीक्षा में पहली रैंक हासिल की। जिसके लिए वह मुकेश गोस्वामी मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित हैं।
सर्वोच्च अदालत की सबसे विनम्र और मध्यस्थता के मामलों की विशेषज्ञ
वह मध्यस्थता के मामलों की विशेषज्ञ हैं और उन्होंने कई घरेलू व अंतरराष्ट्रीय व्यवसायिक मध्यस्थता के केस लड़े हैं। सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े के अनुसार मल्होत्रा सर्वोच्च अदालत की सबसे विनम्र वकीलों में से एक हैं। संजय हेगड़े ने बताया वह हमेशा विनम्र रहती हैं और अपने क्लाइंट्स के लिए आखिरी समय तक लड़ती हैं। जबकि कुछ वकील हार मान लेते हैं। इंदु जाने-माने वकील अशोक सेन के परिवार से जुड़ी हुई हैं। उनके पिता प्रकाश मल्होत्रा सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट थे। इसके अलावा उन्होंने औद्योगिक विवादों के कानून पर कई किताबें भी लिखीं हैं।
स्टैंडिंग काउंसिल के साथ ICA, DAC, ASSOCHAM जैसी कई आर्बिट्रेशन बॉडीज से हैं जुड़ी
1991 से 1996 तक वे सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा की तरफ से स्टैंडिंग काउंसिल रही हैं। इसके अलावा वे इंडियन काउंसिल ऑफ आर्बिट्रेशन (ICA), डेल्ही इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (DAC), ASSOCHAM जैसी कई आर्बिट्रेशन बॉडीज से जुड़ी रही हैं।
रिपोर्ट—संदीप वर्मा