भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने मंगलवार को बीमा कंपनियां को दावों को लेकर सख्त हिदायत दी है। इरडा ने कहा कि साधारण बीमा कंपनियां दस्तावेजों की कमी की वजह से दावों को खारिज नहीं कर सकतीं। इस संबंध एक मास्टर परिपत्र जारी किया गया है। यह साधारण बीमा व्यवसाय में सुधारों का हिस्सा है। माना जा रहा है कि इससे सरल और ग्राहक केंद्रित बीमा समाधानों के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी। बतायास जा रहा है कि साधारण बीमा कारोबार पर व्यापक मास्टर परिपत्र, 13 अन्य परिपत्र को भी निरस्त करता है।
समझ में आने वाले बीमा उत्पादों का प्रावधान
इरडा ने कहा कि ग्राहकों की व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए आसानी से समझ में आने वाले बीमा उत्पादों का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही ग्राहकों को पर्याप्त विकल्प देने का भी प्रावधान किया गया है। वहीं उनके बीमा अनुभव को बेहतर बनाना भी अब संभव हो गया है। परिपत्र में कहा गया है कि दस्तावेजों के अभाव में कोई भी दावा अस्वीकार नहीं किया जाएगा। प्रस्ताव की स्वीकृति के समय जरूरी दस्तावेजों को मांगना चाहिए।
परिपत्र में क्या खास?
इसके मुताबिक, ग्राहकों से केवल उन दस्तावेजों को जमा करने के लिए कहा जा सकता है, जो जरूरी हैं और दावा निपटान से संबंधित हैं। इसके अलावा खुदरा ग्राहक बीमाकर्ता को सूचित करके किसी भी समय पॉलिसी रद्द कर सकते हैं। वहीं, बीमाकर्ता केवल धोखाधड़ी साबित होने के आधार पर पॉलिसी रद्द कर सकता है।