- Published by- @MrAnshulGaurav
- Wednesday, June 08, 2022
औरैया। डायरिया (दस्त) होने का सबसे प्रमुख कारण सफाई का अभाव होना है। दरअसल यह एक संक्रमण है। संक्रमण से पाचन क्रिया खराब हो जाती है और मल पानी जैसा हो जाता है। पानी अधिक जाने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए डायरिया में लापरवाही नहीं होनी चाहिए, खासकर बच्चों के मामले में।
यह बातें बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अर्चना श्रीवास्तव ने कहीं। उन्होंने बताया गर्मी के मौसम में डायरिया ज्यादा खतरनाक रूप धारण कर लेता है। उसका कारण है कि गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी जल्दी हो जाती है। इसलिए सलाह दी जाती है कि बच्चे को डायरिया होने की शिकायत पर तत्काल ओआरएस घोल देना शुरू कर दें। इस संबंध में जागरूकता के लिए जनपद में 15 जून तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डा. शिशिर पुरी ने बताया कि – जनपद में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े के तहत आशा कार्यकर्ताओं की टीम घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चला रही हैं। अभियान के तहत छह वर्ष तक के बच्चों वाले घरों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। आशा इन घरों में पहुंचकर पूरे परिवार के स्वास्थ्य का हाल लेने के साथ ही इस मौसम विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सलाह दे रही हैं।
आशा बता रही हैं कि डायरिया में लापरवाही घातक हो सकती है। डायरिया के कारण और बचाव पर जानकारी के दौरान आशा बताती हैं कि डायरिया से बचाव का मूल मंत्र हाथों की सफाई में छिपा है। दरअसल, बच्चे गंदे हाथों से कुछ खाते हैं संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। इसलिए उन्हें सिखाएं कि खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथों को साबुन – पानी से अच्छी तरह से धोना जरूरी है।
डा.पुरी ने बताया – बचाव में चूक होने पर उपचार की जरूरत होती है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बता रही हैं कि बच्चे को यदि डायरिया हो जाए तो तत्काल उसे ओआरएस का घोल देना शुरू कर दें। एहितियात के तौर पर ओआरएस के पैकेट और जिंक की गोलियां वितरित की जा रही हैं। इसके अलावा आशा कार्यकर्ता घर में ओआरएस घोल बनाकर भी सिखा रही हैं ताकि घर में ओआरएस का पैकेट न होने पर जरूरत पड़ने पर बच्चे को डीहाईड्रेशन से बचाने के लिए तत्काल ओआरएस का घोल पिलाया जा सके।
रिपोर्ट- शिव प्रताप सिंह सेंगर