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नई शिक्षा नीति में निज भाषा उन्नति अहै

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

भारतेंदु हरिश्चंद्र ने हिंदी जगत में नव जागरण का सूत्रपात किया। उनके पहले इसमें मध्यकालीन तत्वों का बोध था। भारतेंदु ने नई राह पर आगे बढ़ाया। भविष्य के लिए मापदंड का निर्धारण किया। जिसका अनुसरण करते हुए साहित्य पुष्पित पल्लवित हुआ। उन्होंने अनेक नई विधाओं का सृजन किया।

उन्होंने साहित्य की विषय वस्तु को भी नई दिशा प्रदान की। जिसमें आधुनिक व सामयिक चेतना थी। वह परतंत्रता का दौर था। मुगलों के बाद देश में अंग्रेजों का शासन था। भारतेंदु हरिश्चंद्र भारतीय संस्कृति से स्वभाविक रूप में प्रभावित थे। इसके साथ ही आधुनिक विचारों से भी उनका दुराव नहीं था।

उन्होंने साहित्य के माध्यम से लोगों में अपनी संस्कृति और भाषा के प्रति स्वाभिमान की प्रेरणा दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सदैव राष्ट्रीय स्वाभिमान की प्रेरणा देते है। उनका तो यह भी कहना है कि शिक्षण संस्थानों के भवन भी राष्ट्रीय चेतना को प्रकट करने वाले होने चाहिए।

अपनी महान विरासत प्रेरणा लेकर चलने वाला समाज स्वाभिमानी व शक्तिशाली बनता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति घोषित की थी। जिसके मूल में मातृ भाषा के माध्यम से प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान करना है। जिससे बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति तीव्र होगी। भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने एक शताब्दी पूर्व ही इस बात का उल्लेख कर दिया था कि मातृ भाषा ही हमारी उन्नति का मूल है। उन्होंने लिखा था कि निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति का मूल इस भाव को आज हर व्यक्ति महसूस कर रहा है।

योगी आदित्यनाथ ने भारतेन्दु नाट्य अकादमी परिसर में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की जयन्ती के अवसर पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आजादी के अमृत महोत्सव एवं चौरी चौरा शताब्दी समारोह की श्रृंखला के क्रम में देश की आजादी के परवानों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक हिन्दी खड़ी बोली के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने अपनी कृतियों के माध्यम से हिन्दी साहित्य में एक युग अपने नाम कर लिया। उन्होंने हिन्दी भाषा को परिष्कृत करते हुए एक यथेष्ट स्थान प्रदान किया। वह अच्छे वक्ता,लेखक,नाटककार पत्रकार व कलाकार के साथ साथ राष्ट्रभक्ति व राष्ट्रभाषा के प्रति अनुपम लगाव रखने वाले व्यक्ति थे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है।

इसी परिप्रेक्ष्य में प्रदेश सरकार द्वारा इस कार्यक्रम में नई नई मणियों को जोड़ा जा रहा है और हर पक्ष जो अछूता रह जाता था को सम्मानित किया जा रहा है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा,नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन,विधायी व न्याय मंत्री बृजेश पाठक,नीलकंठ तिवारी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम,निदेशक सूचना एवं संस्कृति शिशिर भी उपस्थित थे।

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