प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश को सौगात देने का सिलसिला जारी है। अलीगढ़, कुशीनगर, झांसी, महोबा के बाद वह नोयडा पहुंच रहे है।
वह नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। इस इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का विकास दो चरण में किया जाएगा। प्रथम स्टेज में यह एयरपोर्ट दो रन वे का होगा।जबकि दूसरे चरण में इसे पाँच रन वे बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण कराने वाले राज्य का गौरव हासिल कर लेगा। ऐसे हवाई अड्डे का निर्माण करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा। यह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तरी भारत में लॉजिस्टिक्स का एक वैश्विक हब बनेगा।
योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हुआ था। इसके निर्माण के लिए पीपीपी मोड पर स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को जिम्मेदारी दी गई है गई है। इसके बाद पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे वाला यूपी देश का एकमात्र ऐसा राज्य होगा। पिछले महीने नरेंद्र मोदी ने कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट का लोकार्पण किया था।अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कर चल रहा है
लखनऊ और वाराणसी पहले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री की यात्रा संबन्धी तैयारियों का जायजा लिया था। उन्होंने कहा था कि इस एयरपोर्ट के बनने से करीब एक लाख लोगों को सरकारी नौकरी मिल सकेगी। इसके नजदीकी फिल्म सिटी का निर्माण भी होगा जिस पर करीब एक हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। एयरपोर्ट के निकट छह एकड क्षेत्रफल में हॉस्पिटल व ट्रामा सेंटर बनेगा। यहीं पर एटीएस का मुख्यालय बनेगा इसमें एटीएस का ऑफिस और आवासीय परिसर होगा। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तरी भारत के लिए लॉजिस्टिक्स का द्वार बनेगा। अपने विस्तृत पैमाने और क्षमता के कारण हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश के परिदृश्य को बदल देगा। यह दुनिया के सामने उत्तर प्रदेश की क्षमता को उजागर करेगा।
राज्य को वैश्विक लॉजिस्टिक मानचित्र में स्थापित करेगा। नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के निकट यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाएं विकसित की जा रही हैं। इनमें फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, इलेक्ट्राॅनिक सिटी, एपैरल पार्क आदि सम्मिलित हैं। उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर का अलीगढ़ नोड भी इस क्षेत्र के निकट है। दादरी में मल्टी मोडल लाॅजिस्टिक्स हब तथा बोडाकी में मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह सम्पूर्ण क्षेत्र औद्योगिक और सर्विस सेक्टर की गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र बनेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीन दशक पूर्व से यहां के लोगों द्वारा एक एयरपोर्ट की मांग की जा रही थी।
सपनों को वास्तविक धरातल पर उतारने के लिए जिस इच्छा शक्ति की आवश्यकता थी। उसके अभाव में कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। प्रदेश सरकार ने दायित्व संभालते ही जेवर क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण का निर्णय लिया था। सकारात्मक एवं ईमानदार सोच से दमदार परिणाम देखने को मिलते हैं। प्रदेश सरकार ने एयर कनेक्टिविटी के कार्यों को बहुत तेजी से आगे बढ़ाया है। आज उत्तर प्रदेश में नौ एयरपोर्ट क्रियाशील हो चुके हैं। पांच वर्ष पहले प्रदेश के एयरपोर्ट केवल पच्चीस स्थलों से जुड़े हुए थे। अब इनकी संख्या अस्सी हो गई है। प्रदेश सरकार ग्यारह नये एयरपोर्ट को विकसित करने का कार्य कर रही है। जनपद सोनभद्र,चित्रकूट, ललितपुर,आजमगढ़, श्रावस्ती,अलीगढ़, सहारनपुर,मेरठ एवं मुरादाबाद में इन नये एयरपोर्ट के निर्माण की कार्यवाही अंतिम चरणों में है।
विगत साढ़े चार वर्षों में प्रदेश में आधारभूत अवसंरचना को तेजी से विकसित किया है। ईस्टर्न एवं वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण कार्यों के साथ ही, इस पूरे क्षेत्र को एक मल्टीमोडल हब के रूप में स्थापित किया जा रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस।वे का लोकार्पण हो चुका है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य अंतिम चरणों में है। प्रदेश सरकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के कार्यक्रम को प्रारम्भ करने जा रही है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे पर भी कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को लगातार मजबूत किया हैनेपाल, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश,राजस्थान हरियाणा एवं उत्तराखण्ड की कनेक्टिविटी को चार लेन से जोड़ने की कार्यवाही प्रगति पर है।